वाराणसी : नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती रविवार को लमही इंद्रेश नगर स्थित सुभाष मंदिर में विशाल भारत संस्थान के सदस्यों ने उल्लासपूर्वक मनाई। मंदिर में नेताजी की प्रतिमा पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच 23 किलो पुष्पहार चढ़ाया गया। 125 लड्डुओं का भोग लगाने के बाद 125 दीपों के साथ राष्ट्रीय देवता की आरती उतारी गई। संस्थान के कार्यकर्ताओं ने आजाद हिन्द सरकार के राष्ट्रगान ‘शुभ सुख चैन की बरखा बरसे’ गाकर अखंड भारत की सीमाओं की पुनर्वापसी तक संघर्ष करने का संकल्प लिया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इन्द्रेश कुमार कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इन्द्रेश कुमार ने अपने पूर्वजों की परम्पराओं के अनुसार काम करने वाली 125 जातियों के लोगों को शॉल, प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इंद्रेश कुमार ने पत्रकारिता के क्षेत्र में नेताजी सुभाष चंद्र बोस राष्ट्रीय पत्रकारिता पुरस्कार 2022 वरिष्ठ पत्रकार स्नेह रंजन को, गोसेवा के क्षेत्र में रायपुर छत्तीसगढ़ के सामाजिक कार्यकर्ता अंकित द्विवेदी, देश सेवा के लिए अजय को पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर इन्द्रेश कुमार ने कहा कि सभी भारतवासियों का सिर सुभाष चंद्र बोस के सामने नतमस्तक है। हर भारतवासी आजादी के लिए बोस का ऋणी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष की प्रतिमा लगाने का निर्णय लेकर देश को सम्मान दिलाने का काम किया। पहली बार देश ने अपने महानायक को पूर्ण सम्मान दिया है। संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष डॉ राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि 2023 से नेताजी सुभाष के नाम पर 21 हजार रुपये का नकद पुरस्कार देश सेवा करने वाले किसी भी भारतीय नागरिक को दिया जाएगा। सुभाष भवन की स्थापना असम, नगालैंड और ओडिशा में की जाएगी। नेताजी के नाम पर बनने वाले सुभाष भवन में सभी धर्म जातियों के लोग एक साथ रहेंगे, जैसे काशी के सुभाष भवन में रहते हैं। कार्यक्रम में पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर महंत बालक दास, सुभाष मंदिर की पुजारी खुशी रमन भारतवंशी, अयोध्या के शम्भु देवाचार्य, महंत अवध बिहारी दास, महंत महावीर दास, महंत सर्वेश्वर शरण दास, महंत श्रवण दास, महंत उमेश दास, महंत अवध किशोर दास, कोतवाल विजय राम दास आदि उपस्थित रहे।
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