सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड उच्च न्यायालय में गुरुवार को रांची सदर हॉस्पिटल सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल मामले की सुनवाई हुई। अदालत ने सदर अस्पताल में हॉस्पिटल में आक्सीजन प्लांटेंड बेड को लेकर सुनवाई करते हुए कहा कि वर्तमान में हॉस्पिटल का स्टेटस कोरोना के सेकेंड फेज के समय का है। इसलिए हेल्थ डिपार्टमेंट कोरोना काल में लगाए गए बेड को दिखाकर कोर्ट को गुमराह न करें। इस दौरान विजेता कंपनी ने हॉस्पिटल का 84प्रतिशत काम करने का दावा किया, जबकि सरकार ने अपनी रिपोर्ट में करीब 81.5प्रतिशत काम होने की बात कही थी।कंपनी अगले हफ्ते सरकार के शो कोज का जवाब देगी। वहीं हॉस्पिटल का पूरा निर्माण करने को लेकर कंपनी की ओर से एफिडेविट अगले हफ्ते फाइल की जाएगी। मामले की सुनवाई अगले हफ्ते गुरुवार को होगी।
एडवोकेट सौरव अरुण ने कोर्ट को बताया कि हॉस्पिटल के निर्माण को लेकर तीन बार कंपनी की डेडलाइन फेल हो चुकी है। इसके बावजूद आज तक हॉस्पिटल का काम पूरा नहीं हो पाया है। वहीं राज्य सरकार की ओर से हॉस्पिटल के काम पूरा करने को लेकर जो एफिडेविट फाइल की गई है उसमें डेडलाइन का जिक्र नहीं है। कोर्ट ने कहा कि एप्रूव्ड प्लान के हिसाब से काम पूरा हुआ या नहीं इसकी भी पूरी जानकारी दें। इसके अलावा लिफ्ट, इंवायरोमेंट क्लीयरेंस, फायर फाइटिंग, किचन, लाउंड्री, जनरेटर समेत सभी सुविधाओं की भी जानकारी मांगी गई।
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