सिटी पोस्ट लाइव, बोकारो: जिले के जरीडीह प्रखंड में धान की खेती अभी तक प्रारंभ नहीं हो पाई है। अमूमन किसानों ने खेतों की जुताई तो कर ली है लेकिन अभी तक उसमें धान के बिचड़े नहीं डाले जा सके हैं। पिछले कुछ सप्ताह से लगातार बारिश के कारण इस बार एसी स्थिति उत्पन्न हुई है। एक बुजुर्ग किसान ने कहा कि कई दसको के बाद ऐसी स्थिति आई है। प्रखंड के कुछ किसानों ने लेवा बिहन डाल रहे हैं।
आम तौर पर रोहिणी नक्षत्र के समय धान का बिजा डालने का समय होता है। इस बार उसी अवधि में यास चक्रवात तुफान आ जाने के कारण खेतो में बिचड़ा डालना सम्भव नहीं हो पाया था। यास चक्रवात तुफान थमने के बाद किसान खेतों के सुखने के इंतजार में थे, पर उससे पहले ही मानसून ने दस्तक दे दी और लगातार बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। किसानों का कहना है कि जब तक खेत सूख नहीं जाते, उसमें धान का वीजा नहीं डाला जा सकता, वही गायछंदा गांव के किसान रतिराम मांझी व मेघनाथ गोसाई के अनुसार पिछले कई दशकों के बाद ऐसी स्थिति आई है। यही कारण है कि इस बार धान की खेती की काफी प्रभावित होने की आंशका है।
तीरो गांव के किसान अरविंद सिंह का मानना है कि सामान्यतः अद्रा नक्षत्र में धान रोपनी शूरू हो जाती है। लेकिन इस समय जो स्थिति दिख रही है, उससे यही कहा जा सकता है कि इस बार अद्र नक्षत्र के समय धान का बिजा ही डाला जा सकता है। एसी परिस्थिति में खेती प्रभावित होना तय है। किसान मटुकधारी महतो ने कहा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए कुछ किसानों ने लेवा बिहन डाल रहे हैं। दूसरी और लेवा बिहन तैयार करने के लिए धान को एक दिन पहले पानी में डुबोकर रख दिया जाता है। अगले दिन पानी से निकाल कर अलग सुखाया जाता है,जब वह धान फट जाता है, तब उसे खेतो में फेकर बिचड़ा तैयार किया जाता है। महतो ने कहा कि इसमें खतरा यही है कि बिचड़ा को निकालने के समय भी खेतो में नमी रहना जरूरी होता वरना उसे निकालने के समय उसके टूट कर बर्बाद हो जाने का खतरा बना रहता है।
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