सिटी पोस्ट लाइव, पाकुड़: इस्लाम धर्मावलंबियों का पवित्र पर्व ईद उल अजहा एक अगस्त को मनाया जाएगा। इसकी तैयारी के मद्देनजर बकरों की खरीद फ़रोख़्त जोरों पर है। लॉक डाउन और महंगाई को लेकर बाजार सुस्त है बावजूद इसके लोगों में ईद की कुर्बानी को लेकर तैयारी शबाब पर है। ईद उल अजहा जो सुन्नत ए इब्राहमी है हर साल इस्लामी कलेंडर के आखरी माह जिल्हिज्जाह के 10 तारीख को मनाया जाता है। इस माह में लोग हज भी अदा करते हैं। इस्लाम के जानकार अख्तर हुसैन के मुताबिक कुर्बानी अदा करना हर मालदार मोमिन मर्द व औरत पर फर्ज करार दिया गया है।
Read Also
वैसे लोग जो कुर्बानी का जानवर खरीदने की हैसियत रखते हैं उनपर कुर्बानी फर्ज है। ऐसा न करने वाला गुनाह का भागीदार बनता है। बताया गया है कि क़ुर्बानी के जानवर के गोश्त का तीन हिस्सा करना जरूरी है। पहला हिस्सा गरीब- मिस्कीन के बीच बांटना है, दूसरा हिस्सा दोस्त और रिश्तेदारों को देना और तीसरा हिस्सा अपने घर के लिए रखना अफजल है।साथ ही सही तरीके से कुर्बानी को अंजाम देना ही सुन्नत ए इब्राहीमी अदा करना माना गया है। हालांकि इस बार कोरोना महामारी के मद्देनजर लागू लाॅक डाउन के निर्देशों का पालन करते हुए त्योहार अपने अपने घरों में रहकर ही मनाने का फैसला किया गया है।
Comments are closed.