सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड की राजधानी रांची स्थित राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान, रिम्स में भर्ती कोरोना पॉजिटिव एक महिला पानी-पानी के लिए तड़प रही थी, लेकिन रिम्स में कार्यरत किसी नर्सिंग स्टॉफ या अन्य कर्मियों ने उसकी कोई सुध नहीं ली, इस बीच महिला ने पति को फोन कर इसकी जानकारी दी, जिसके बाद बंद गेट तक उसका पति पहुंचा, लेकिन तब तक उसकी पत्नी दम तोड़ चुकी थी। घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार रांची के पिठौरिया के हेसलपेड़ा की रहने वाली एक कोरोना पीड़ित महिला पेट दर्द की शिकायत पर 7 अक्टूबर को रिम्स के कोविड-19 में एडमिट हुई थी। मृतका के पति और परिजनों का आरोप है कि इलाज के अभाव में दर्द से कराह रही महिला ने पानी-पानी कह तड़पकर रिम्स के मेडिसीन डी-1 वार्ड में बनाये गये कोविड वार्ड में दम तोड़ दिया।
मृतका के पति ने बताया कि उसकी पत्नी को पानी प्यास लगी थी, लेकिन वार्ड में कोई पानी तक देने वाला नहीं था। फोन पर सुबह जब उसकी पत्नी से बात हुई, तो उसने पानी मांगा, जब वह पानी लेकर वार्ड में गया, तब वार्ड में ताला बंद था, वह पत्नी को पानी नहीं पिला सका। उसने बताया कि महिला ने फोन पर उससे जल्दी पानी उपलब्ध कराने को कहा, लेकिन ताला बंद रहने के कारण वह पानी नहीं दे सका। थोड़ी देर बाद उसकी मौत की खबर मिली। पति ने बताया कि महिला के पेट में अक्सर दर्द रहता था, 2 अक्टूबर को उसे सर्जरी विभाग में भर्ती कराया गया था,जहां सिटी स्कैन होना था, लेकिन इससे पहले 4 अक्टूबर को उसकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आ गयी। जिसके बाद 7 अक्टूबर को उसे कोविड- वार्ड में रात 12 बजे भर्ती कराया गया। उसने रिम्स प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि जब मरीज की स्थिति गंभीर थी, तो उसे आईसीयू की जगह सामान्य वार्ड में क्यों रखा गया। रात भर वह दर्द से कहराती रही, लेकिन कोई डॉक्टर उपलब्ध नहीं था।
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