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समाज की सहभागिता से ही दुष्कर्म की घटनाओं पर होगा नियंत्रण : डीजीपी

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सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड के डीजीपी एमवी राव ने कहा कि राज्य में दुष्कर्म की घटना रोकने के लिए पुलिस लगातार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि  सिर्फ पुलिस राज्य में बढ़ते दुष्कर्म के मामलों को नहीं रोक सकती। समाज की सहभागिता से ही दुष्कर्म की घटनाओं पर  नियंत्रण हो सकता है। राव मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे। डीजीपी ने राज्य में बढ़ रहे अपराध और पुलिस की सफलता के बारे में बताया। उन्होंने राज्य में हो रहे दुष्कर्म के मामले चिंता जताई और कहा कि पुलिस चोरी,डकैती,मारपीट जैसे अन्य अपराध रोक सकते हैं पर दुष्कर्म की घटना को पुलिस रोकने में सफल नहीं हो सकती। इसे रोकने के लिए माता- पिता ,समाज गांव शहर के सभी लोगों को मिलकर काम करना होगा। सबसे ज्यादा ध्यान बच्चों के माता पिता को देना होगा। माता-पिता की ओर से दी गई शिक्षा ही बच्चों को अच्छे और बुरे काम के लिए प्रेरित करती है। इसके लिए पुलिस भी अपना सहयोग करेगी। जांच में यह पाया गया है कि परिजन अपने बच्चों की देखभाल नहीं करते उन्हें अच्छी शिक्षा नहीं मिलती। उन्हें अकेला किसी के साथ भी जाने दिया जाता है। उसका नतीजा बच्चियां दुष्कर्म का शिकार हो रही है।
डीजीपी ने कहा कि हाल के दिनों में मानवता को शर्मशार करने वाली घटना घटी है। नाबालिग के साथ बलात्कार और उनकी हत्या हुई है। स्पष्ट रुप से बात सामने आई है। 95 प्रतिशत कांड में अभियुक्त की गिरफ्तारी हो चुकी है। स्पीड ट्रायल चलेगा। हर हाल में कनविक्शन होगा। ऐसे अधिकांश मामलों में अपराधी ,भुक्तभोगी के जान पहचान का है।  उन्होंने बताया कि पुलिस कुछ दिनों से गोड्डा में स्पेशल ड्राइव चला कर 8 वी क्लास से ऊपर के बच्चों को जागरूक करेंगी। कुछ एक्सपर्ट पुलिस टिप्स देगें, कैसे सुरक्षा करना है हम पढायेगें , कैम्प लगाकर परिवार के लोग अभिभावक को भी समझाएंगे। उन्होंने बताया कि चुनिंदा पुलिसकर्मी स्कूल द्वारा दिए जा रहे ऑनलाइन क्लास में शामिल होंगे। पुलिस कर्मी 8 वीं से उपर के कक्षा के छात्रों को अपराधियों से निपटने के टिप्स देंगे। साथ ही उन्होंने बताया कि महिलाओं और नाबालिकों के लिए सभी जिलों में बुधवार शाम तक एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाएगा, जिसमें महिला और नाबालिग यौन शोषण के बारे में मैसेज कर इसकी जानकारी दे सकती है। पुलिस उस पर कार्रवाई करेगी।
उन्होंने कहा कि राज्य में साइबर अपराध पैर पसार रहा है। इसे रोकने के लिए चार प्रशिक्षु आइपीएस की तैनाती की जाएगी । ये प्रशिक्षु आईपीएस साइबर अपराध से जुड़े मामलों को निपटाने के लिए प्रशिक्षित किए गए है ।राज्य में जिन थाना क्षेत्रों से ज्यादा साइबर अपराध से जुड़े मामले सामने आते है ।वहां इनकी पोस्टिंग की जाएगी। डीजीपी ने गौ तस्करी को रोकने के लिए आम जनता से मदद की अपील की है। उन्होंने कहा कि कोई भी अगर गौ तस्करी के मामले को देखता है तो फौरन पुलिस हेल्पलाइन 112 या 100 डायल पर इसकी सूचना दे सकता है। उसकी पहचान को गोपनीय रखा जाएगा।
डीजीपी ने कहा कि झारखंड पुलिस की ओर से बुधवार को पुलिस संस्मरण दिवस मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिस संस्मरण दिवस पर आंतरिक सुरक्षा में जान गंवाने वाले झारखंड के वीर सपूतों को याद किया जाएगा और उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि 2019-20 में झारखंड पुलिस के 8 जवान शहीद हुए हैं। इनमें सुकरा उरांव, चंद्राय सोरेन, खजन कुमार महतो, अखिलेश राम ,लखींद्र मुंडा, जमुना प्रसाद , सकिन्द सिंह और शंभू प्रसाद साहू शामिल हैं।  उल्लेखनीय है कि 21 अक्टूबर 1959 को लद्दाख के हॉट स्प्रिंग में चीनी सेना के आक्रमण में सीआरपीएफ अधिकारी कर्म सिंह अपने 20 साथियों के साथ शहीद हुए थे। तब से प्रत्येक वर्ष 21 अक्टूबर को पुलिस संस्मरण दिवस मनाया जाता है इस दौरान पिछले 1 साल में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी जाती है।

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