City Post Live
NEWS 24x7

फ्लिपकार्ट के साथ जुड़ने से झारखंड के शिल्प और पारंपरिक कौशल को राष्ट्रीय बाजार मिलेगा

झारखंड सरकार और फ्लिपकार्ट के बीच हुआ करार

-sponsored-

-sponsored-

- Sponsored -

फ्लिपकार्ट के साथ जुड़ने से झारखंड के शिल्प और पारंपरिक कौशल को राष्ट्रीय बाजार मिलेगा

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य के कारीगरोंहस्तकरघाबुनकरों और शिल्पकारों में कौशल की कमी नहीं है। झारखंड के कण-कण में कला का वास है। झारखंड के शिल्पकारहस्तशिल्प से जुड़े कारीगरों के लिए आज खुशी का दिन है। मुझे यकीन है कि फ्लिपकार्ट के साथ जुड़ने से झारखंड के शिल्प और पारंपरिक कौशल को राष्ट्रीय बाजार का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म लोगों को पूरे झारखंड के शिल्पपारंपरिक कौशल और ज्ञान के साथ एकजुट करेगा। झारखंड सरकार और फ्लिपकार्ट के साथ हुए इस समझौते से राज्य के कलाकार लाभान्वित होंगे। दास रविवार को झारखंड मंत्रालय के सभा कक्ष में राज्य सरकार और फ्लिपकार्ट के बीच हुए समझौता हस्ताक्षर (एमओयू) के बाद बोल रहे थे। दास ने कहा कि झारखंड के हजारों कारीगरोंबुनकरों और शिल्पकारों को ई-कॉमर्स के पटल पर लाने की तैयारी हो चुकी है। राज्य सरकार द्वारा बांसखादी और हथकरघा उद्योगों को बढ़ावा देने व ऐसे कलाकारों के उत्पाद को बदलते वक्त एवं समय की मांग को देखते हुए ऑनलाइन शॉपिंग के वृहद बाजार में उतारने के लिए झारखण्ड सरकार और फ्लिपकार्ट ग्रुप ने समर्थ” समझौता पर हस्ताक्षर किया। उन्होंने कहा कि समर्थ नामक इस पहल की वजह से राज्य के लाखों कारीगरोंबुनकरों और शिल्पकारों के उत्पाद राष्ट्रीय बाजार में उनका मान बढ़ाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बांस उत्पादन को वन विभाग से अलग किया गया। पहले बांस वन विभाग के अंतर्गत आता था। जिससे बांस से जुड़े निर्माण कार्यो के लिए कारीगरों को काफी परेशानी होती थी। सरकार के इस निर्णय का पूरा लाभ झारखंड के किसानों को मिलेगा, क्योंकि झारखंड 33 प्रतिशत बनो से अच्छा वित्त प्रदेश है। उन्होंने कहा कि कानूनन तौर पर बांस उत्पादन अब किसान अपने खेतों के मेड़ों और परती भूमि पर भी कर सकते हैं। जिससे उनको बांस की आपूर्ति में कोई परेशानी नहीं होगी। दास ने कहा देश के प्रधानमंत्री ने ई-गवर्नेंस पर पूरा फोकस किया है। गांव में बैठे-बैठे लोगों को मार्केटिंग के अलावा अन्य सुविधा मिले इसके लिए काफी प्रतिबद्ध प्रयास किया गया है। पूरी दुनिया एक बाजार है। ई-मार्केट के जरिए बाजार अपने सामानों की बिक्री सफलता पूर्वक कर रहा है। राज्य में कितने लोग हस्तशिल्प के क्षेत्र से जुड़े हैं इसके लिए उनका रजिस्ट्रेशन करने का काम सरकार कर रही है। रजिस्टर्ड कारीगरोंबुनकरोंशिल्पकारोंहस्तशिल्प निर्माण कार्यो से जुड़े अन्य लोगों का पहचान पत्र सरकार निर्गत करेगी। मौके पर उद्योग सचिव के रविकुमार ने कहा कि झारखंड में बांसखादी और हथकरघा कारीगरों के समुदाय को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार की यह पहल है। सरकार उन सभी कारीगरों को एक मंच देने की पक्षधर है जो अपने उत्पाद को बेचने में असमर्थ हैं उन्हें समर्थ नामक यह पहल समर्थ कर समृद्धि की ओर अग्रसर करेगा। फ्लिपकार्ट मोबाइल ऐप के माध्यम से उपभोक्ता समर्थ‘ टाइप कर झारखण्ड के कलाकारों के उत्पाद को देख और उसे क्रय कर सकेंगे। फ्लिपकार्ट के उपाध्यक्ष धीरज कपूर ने कहा कि फ्लिपकार्ट उत्पादों को एक बड़ा बाजार तो उपलब्ध कराता ही है। साथ ही देश के विकास में तथा उत्पादकों के आर्थिक उन्नयन में फ्लिप्कार्ट अहम् भूमिका अदा कर रहा है। इस अवसर पर झारखंड माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष श्रीचंद प्रजापति, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील कुमार वर्णवाल, निदेशक हस्तकरघा एवं हस्तशिल्प उदय प्रताप, सीईओ खादी बोर्ड रंजीत कुमार सिन्हा, फ्लिपकार्ट के कॉर्पोरेट मामलों के अधिकारी रजनीश सहित विभिन्न विधाओं के शिल्पकार, कारीगर, बुनकर, बांस उद्योग से जुड़े लोग, उद्योग विभाग और फ्लिपकार्ट के अधिकारीगण एवं अन्य लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

क्या है फ्लिपकार्ट

फ्लिपकार्ट समूह भारत की प्रमुख डिजिटल वाणिज्य संस्थाओं में से एक है। इसमें समूह की कंपनियां फ्लिपकार्टमयंत्राजबोंग व अन्य शामिल हैं। 2007 में शुरू हुई फ्लिपकार्ट ने लाखों उपभोक्ताओंविक्रेताओंव्यापारियों और छोटे व्यवसायियों को भारत की ई-कॉमर्स क्रांति का हिस्सा बनने की राह को सुगम बनाया है। 150 मिलियन से अधिक पंजीकृत ग्राहक, 80 मिलियन से अधिक उत्पाद फ्लिपकार्ट को अग्रणी सेवाओं जैसे कैश ऑन डिलीवरीनो कॉस्ट ईएमआई और आसान रिटर्न के लिए जाना जाता है। इसने हाल के वर्षों में ऑनलाइन खरीदारी को सुगम व सुलभ बना दिया है।

-sponsored-

- Sponsored -

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

-sponsored-

Comments are closed.