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कोयलांचल आज भी नहीं भूला जांबाज एसपी रणधीर वर्मा को

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कोयलांचल आज भी नहीं भूला जांबाज एसपी रणधीर वर्मा को
सिटी पोस्ट लाइव, धनबाद: 3 जनवरी 1991 की वह घटना कोयलांचल के लोग आज भी नहीं भूले हैं, जिसमें धनबाद के बैंक ऑफ इंडिया की हीरापुर शाखा में पंजाब के आतंकवादियों द्वारा बैंक डकैती की कोशिश को खुद की जान न्योछावर कर जांबाज एसपी रणधीर प्रसाद वर्मा ने विफल कर दिया था। बताया जाता है कि घटना की सूचना मिलते ही एसपी रणधीर वर्मा अकेले ही सीधे बैंक पहुंचे और बैंक लूट रहे आतंकियों से मुठभेड़ जारी हो गयी। इस दौरान उन्हें भी गोली लग गयी पर वे बिना इसकी चिंता किये आतंकियों को मार गिराया और खुद भी शहीद हो गए। 29 वर्षों बाद आज भी धनबाद जिले की जनता के दिलों में राज करते हैं। पहले सिविलियन के रूप में अशोक चक्र से सम्मानित होने का गौरव हासिल है। रणधीर प्रसाद वर्मा के शहादत दिवस के बाद 26 जनवरी 1991 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति आर वेंकटरमन ने शांतिकाल में वीरता के लिए दिया जाने वाला सर्वेश्रेष्ठ पदक अशोक चक्र से रणधीर वर्मा को मरणोपरांत सम्मानित किया। एक सिविलियन के रूप में यह गौरव हासिल करने एसपी रणधीर वर्मा पहले शख्सियत थे। 2004 में भारत सरकार द्वारा उनके सम्मान में डाक टिकट भी जारी किया गया था।
अटल जी के हाथों रणधीर वर्मा की प्रतिमा का अनावरण
यूं तो रणधीर प्रसाद वर्मा की शहादत दिवस हर वर्ष 3 जनवरी को मनाया जाने लगा लेकिन 3 जनवरी 1994 को उनकी आदमकद प्रतिमा का अनावरण भाजपा के संस्थापक व पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल विहारी वाजपेयी द्वारा किया गया। धनबाद के एमपी रणधीर वर्मा की शहादत की खबर से देश की कई नामचीन हस्तियां विचलित हो उठी थी। खबर सुनते ही राज्यसभा के तत्कालीन प्रतिपक्ष के नेता सिकन्दर बख्त ने कहा था कि हमारे देश और हमारे आरक्षी सेवा को शहीद रणधीर वर्मा की कर्तव्यनिष्ठा पर फख्र है। वहीं, लालकृष्ण आडवाणी ने कहा था कि रणधीर वर्मा निःस्वार्थ कर्तव्यपरायणता और साहस की प्रतिमूर्ति थे, उनका वास्तविक सम्मान तब होगा जब पुलिस के लोग उनके बलिदान से प्रेरणा लेकर अपने कर्तव्य का सही ढंग से पालन करेंगे। वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरलीमनोहर जोशी में कहा था कि रणधीर वर्मा एक ऐसे देशभक्त वीर थे जिन्होंने अपने बलिदान द्वारा प्रसाशनिक सेवाओं के लिए अनुकरणीय आदर्श प्रस्तुत किया था। शहीद रणधीर वर्मा की पत्नी प्रोफेसर रीता वर्मा को 1991 से लेकर 2004 तक लगातार 4 बार धनबाद की जनता ने बतौर सांसद चुन लोकसभा पहुंचाया। इस दौरान वह केंद्रीय मंत्री भी बनी। 2004 में उन्हें कांग्रेस के ददई दुबे ने हराया था। आज शहादत दिवस के मौके पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करनेवालों में पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रो. रीता वर्मा, विधायक राज सिन्हा, मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल, संजय झा, मिल्टन पार्थ सारथी आदि अन्य शामिल थे।

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