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कॉमर्शियल माइनिंग के खिलाफ कोयला कर्मियों की हड़ताल शुरू

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सिटी पोस्ट लाइव, रांची: देश में कॉमर्शियल माइनिंग के खिलाफ मजदूर संगठनांे की ओर से गुरुवार को तीन दिवसीय हड़ताल शुरू हो गयी।  कोयला उद्योग में से तीन दिवसीय हड़ताल शंखनाद करते हुए कोलियरियों में चक्का जाम कर दिया है। जिससे आज सुबह से ही बीसीसीएल, ईसीएल और सीसीएल के लगभग कोलियरियों में कोयले का उत्पादन और उठाव लगभग बंद है। इस हड़ताल को सफल बनाने के लिए राज्य के सीसीएल, बीसीसीएल और ईसीएल क्षेत्र में मजदूर संगठनों के प्रतिनिधि सुबह से ही सक्रिय हैं। पहली पाली मजदूर अपने-अपने कार्यस्थल पर तो पहुंचे, पर वे सभी बिना हाजिरी बनाए कार्य स्थल पर ही बैठ गए। पांच प्रमुख श्रमिक संगठनों इंटक, एटक, सीटू, एचएमएस और बीएमएस द्वारा आहूत हड़ताल के दौरान सभी खनन क्षेत्रों में कामगारों ने काम बंद कर सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया। श्रमिक संगठनों की ओर से दावा किया गया है कि हड़ताल से देश भर में करीब 400 करोड़ का कारोबार प्रभावित हो रहा है। झारखंड में भी करीब एक लाख 20 हजार से अधिक श्रमिकों ने काम बंद रखा है और राज्य में भी लगभग 225 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ है। राज्य में अधिकांश खदानें सीसीएल और बीसीसीएल की है, जो धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, रामगढ़ और चतरा जिले में अवस्थित है।

ट्रेड यूनियनों का कहना है कि सरकार कोयला उद्योग को पुराने स्थिति में पहुंचाना चाहती है, यह मजदूरों के हित में नहीं है। जब तक सरकार काॅमर्शियल माइनिंग की नीति वापस नहीं लेती, तब तक हड़ताल वापस नहीं होगा। राजधानी रांची में भी सीसीएल और सीएमपीडीआई मुख्यालय के बाहर श्रमिक संगठन के प्रतिनिधियों ने प्रदर्शन किया। देश की कोयला राजधानी धनबाद में भी हड़ताल का खासा असर देखा गया।  सुबह प्रथम पाली में मजदूरों ने हाजरी नहीं बनाया। सुबह 8 बजे मजदूर कोलियरी खदान व परियोजना स्थल पर जरूर पहुचे, लेकिन किसी ने भी हाजरी नहीं बनाया। जिले के  गोविंदपुर क्षेत्र के एकीकृत ब्लॉक फॉर गोविंदपुर, न्यू आकशकिनारी, जोगिडीह के अलावा कतरास क्षेत्र के रामकनाली, केशलपुर, चैतूडीह, एकेडब्लूएमसी सहित अन्य कोलियरियों में काम पूरी तरह से ठप रहा।  संयुक्त मोर्चा के हड़ताल को ले मजदूर संगठनों ने गिरीडीह के सीसीएल माइंस व अन्य स्थानों पर किया विरोध प्रदर्शन किए। बोकारो, चतरा, गिरिडीह समेत अन्य जिलों में भी हड़ताल का व्यापक असर देखा जा रहा है।

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