मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा, निराशा से काम नहीं चलेगा, संघर्ष करें और आगे बढ़ें
रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि निराशा से काम नहीं चलेगा, संघर्ष करें और आगे बढ़ें। सफलता हमें जरूर मिलेगी। उन्होंने कहा कि कोई काम मनोबल से बड़ा नहीं होता। अगर पाने की नीयत हो तो, हम अंजाम दे सकते हैं। दास सोमवार को मोरहाबादी स्थित दीक्षांत मंडल में आयोजित रांची विश्वविद्यालय के 33वां दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आज बेहद खुशी का दिन है। यहां पर कई विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल मिला है, उन्हें बधाई। इस मेडल से आज उन्हें सम्मान, प्रतिष्ठा मिली है। लेकिन अब मेडल मिलने के बाद जिम्मेवारी बढ़ जाती है। नये क्षेत्र में प्रयास जारी रखें। उन्होंने कहा कि वे टाटा कंपनी में नौकरी करते थे और फिर विधायक बने। आज वह मुख्य सेवक हैं। दास ने कहा कि मेडल और उपाधि के बाद नौकरी, रोजी और रोटी की समस्या है। यहां रोजगार की कमी नहीं है। आईटी, इंजीनियर, पर्यटक सहित सरकार में कई अवसर हैं। आप इसका लाभ उठायें। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना है। नियोजन स्वयं द्वार पर आये, हमें ऐसा माहौल बनाना है। राष्ट्र निर्माण में शिक्षा की अहमियत है। आज का युवा दुनिया में क्या नहीं कर सकता। जितनी भी क्रांति हुई है, युवा ही परचम लहरा रहे हैं। इसी को देखते हुए मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना का शुभारंभ किया गया है। ताकि आर्थिक तंगी से कोई छात्र पीछे नहीं रह जाये। उन्होंने कहा कि राज्य में नौ जनजाति भाषा में पढ़ाई शुरू की गयी है। अगर करने की इच्छा हो, तो रास्ते अपने आप मिल जाते हैं। इस अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, शिक्षामंत्री डॉ नीरा यादव, रांची विवि के कुलपति प्रो. रमेश कुमार पाण्डेय, प्रति कुलपति प्रो. कामिनी कुमार, कुलसचिव अमर कुमार चौधरी, रांची विवि पीआरओ प्रकाश कुमार झा आदि मौजूद थे।
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