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सीसीएल ने वर्ष 2020 में रखा 75 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य : गोपाल सिंह

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सीसीएल ने वर्ष 2020 में रखा 75 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य : गोपाल सिंह

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड(सीसीएल) सीएमडी गोपाल सिंह ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में सीसीएल ने अपना अभूतपूर्व प्रदर्शन जारी रखते हुए आज तक का सर्वाधिक 68.7 मिलियन टन (एमटी) कोयला उत्पादन कर इतिहास रच दिया है। यह पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में आठ प्रतिशत ज्यादा है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष 2020 में 75 एमटी कोयला उत्पादन करने का लक्ष्य रखा गया है। गोपाल सिंह बुधवार को दरभंगा हाउस में आयोजित पत्रकार वार्ता में सीसीएल द्वारा किए गए पिछले वर्ष के कार्यों की उपलब्धियां गिना रहे थे।

गोपाल सिंह ने कहा कि वर्ष 2020 में सीसीएल तीन स्पोर्ट सेंटर शुरू करेगा। जिन जगहों पर यह शुरू करने की योजना है। उनमें बेरमो कोयलांचल, हजारीबाग के कुजू भुरकुंडा और पिपरवार नॉर्थ कर्णपुरा एरिया शामिल है। उन्होंने घोषणा की कि 2020 में पूरे सीसीएल परिवार और प्रोजेक्ट इफेक्टेड परसन और सीसीएल इंपलाई के लिए सर्वांगीण विकास का वर्ष होगा। उन्होंने कहा कि सीसीएल द्वारा इन परिवारों के सभी सदस्यों को सर्वांगीण विकास के लिए पांच क्षेत्रों में कायाकल्प योजनाओं के माध्यम से और भी बेहतर सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। साथ ही हमारी सभी कायाकल्प योजनाओं से प्रभावित परिवारों के सदस्यों को प्राथमिकता दी जाएगी। इन पांचों क्षेत्रों में कायाकल्प योजनाओं में शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, रोजगार और पेयजल शामिल है। सिंह ने कहा कि सीसीएल की ओर से विकास से संबंधित कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिसका लाभ युवाओं को मिल रहा है। झारखंड में प्रतिभा की कमी नहीं है।

बच्चों के भविष्य संवारने में कोयला की महत्वपूर्ण भूमिका

गोपाल सिंह ने कहा कि हम बच्चों का भविष्य संवारते हैं, इसलिए कोयला निकालते हैं। रांची के हातमा बस्ती के गरीब एवं जरूरतमंद बच्चों को बेहतर शिक्षा के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए कायाकल्प प्ले स्कूल संचालित किया जा रहा है। स्कूल में बच्चों को बुनियादी शिक्षा खेल एवं सरल माध्यम से दी जाती है। खेलगांव स्थित रांची खेल अकादमी ने कम समय में अपना राम राष्ट्रीय खेल जगत में अंकित कर दिया है। राज्य के सुदूर, पिछड़े और वंचित क्षेत्रों में आने वाले अकादमी के युवा कैडेटों ने अपनी मेहनत और लगन से विभिन्न अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और राज्य चैम्पियनशिप में 650 से अधिक पदक जीते हैं, जो प्रशंसीय है। वर्तमान में अकादमी में 437 बच्चे प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, जिसमें से लगभग 96 प्रतिशत बच्चे अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़े वर्ग से आते हैं। उन्होंने कहा कि सीसीएल कमांड क्षेत्र के मेधावी बच्चों को सीसीएल के अधिकारी (आईआईटीयन) द्वारा इंजीनियरिंग परीक्षा की नि:शुल्क कोचिंग दी जाती है। आईटीआई भुरकुंडा में परियोजना प्रभावित परिवारों के युवाओं को दो वर्ष का इलेक्ट्रिशियन ट्रेड में नि:शुल्क तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाता है। संस्थान के लगभग सभी बच्चों को कैम्पस प्लेसमेंट के माध्यम से रोजगार भी मुहैया कराया जाता है। सभी युवाओं को नि:शुल्क रहने एवं खाने की व्यवस्था भी की जाती है।

सीसीएल के सीएमडी ने कहा कि सीसीएल ने दिसम्बर में 18 प्रतिशत ओवर वर्डेन निष्कासन में वृद्धि दर्ज की गई है, जो वर्तमान वित्तीय वर्ष की प्रथम तीन तिमाही में पिछले वर्ष के इसी अवधि की तुलना में छह प्रतिशत अधिक है। सीसीएल ने प्रथम तीन तिमाही में 10.2 एमटी का स्टॉक लिक्वीडेशन किया है। इस समय कोयला स्टॉक 3.6 एमटी का है, जो पिछले 10 वर्ष में सबसे कम है और दो दिसम्बर को यह 3.2 एमटी तक पहुंच गया था। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में रेक लोडिंग में 13 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गयी, जहां पिछले वर्ष 28.89 रेक प्रतिदिन लोड होते थे। वहीं इस वर्ष 33.15 रेक लोड प्रतिदिन किया जा रहा है। सीसीएल द्वारा इस वर्ष मगध-आम्रपाली क्षेत्र में चमातु पैच से कोयला खनन प्रारंभ कर दिया गया है। सीसीएल को पिछले वित्तीय वर्ष में आईएमएस द्वारा आईएसओ 9001, 14001 एवं ओएचएसएएस 18001 से प्रमाणित किया गया है, जो झारखंड के लिए गर्व की बात है।

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