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शक्ति की भक्ति में डूबी राजधानी रांची, हर ओर उल्लास

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शक्ति की भक्ति में डूबी राजधानी रांची, हर ओर उल्लास

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: राजधानी रांची शक्ति की भक्ति में डूब गयी है। हर ओर भक्ति की पावन बयार बह रही है। मां के दरबार सजने लगे हैं। रांची के कई पूजा पंडालों के पट शुक्रवार को खोल दिये गये। शेष पंडालों के पट शनिवार को सप्तमी की पूजा के बाद खुल जायेंगे। हर बार की तरह इस बार भी मंडपों को थीम बेस्ड जीवंत और मनमोहक बनाया गया है। इससे पहले गुरुवार को रांची के अधिकांश पंडाल बकरी बाजार, राजस्थान मित्र मंडल, ओसीसी क्लब, हिनू दुर्गा पूजा पंडाल सहित अन्य मंडपों के पट खोल दिये गये थे। पट खुलते ही भक्तों की टोली मां के दरबार में हाजिरी लगाने के लिए उमड़ पड़ी। जमकर जय मां दुर्गा के जयकारे से पूरा वातावरण भक्ति में गोते लगाने लगा। दुर्गा पूजा का महोत्सव भक्ति और आराधना के साथ-साथ आनंद और उल्लास का है। बड़ी संख्या में बच्चों से लेकर बड़े तक मां के ममतातयी आकर्षण से अछूते नहीं हैं।

राजधानी के कुछ प्रमुख पंडालों की झलकियां

कोकर दुर्गा पूजा समिति इस साल भक्तों को केदारनाथ त्रासदी से रूबरू करा रही है। मंडप को जमीन से 50 फीट उंचा बनाया गया है। श्रद्धालु केदारनाथ मंदिर के भगवान शिव का दर्शन करेंगे। इस दौरान बाहर खड़े श्रद्धालु केदारनाथ में आयी आपदा को महसूस कर सकेंगे। केदारनाथ धाम चढ़ने के लिए श्रद्धालुओं को मंडप के बाहर से ही प्रवेश कराया जायेगा। श्रद्धालु भगवान भोले नाथ का दर्शन करने के बाद गुफा से होते हुए मंडल के आंतरिक हिस्से में पहुंचेंगे। पिट्ठू और पालकी भी लगायी गयी है।

राजस्थान मित्र मंडल ने इस बार पूजा पंडाल को थाईलैंड के बौद्ध मंदिर का स्वरूप दिया है। मेदनीपुर कंटई के कारीगारों ने इस मंडप को तैयार किया है। बौद्ध मंदिर की रेप्लिका की ऊंचाई 41 फीट और चौड़ाई 35 फीट है। मंडप के निर्माण में 27 लख रुपये खर्च किये गये हैं। इसका बाह्य हिस्सा मार्बल का बना हुआ नजर आ रहा है। कारीगरों ने बताया कि मार्बल के ऊपर गोल्डन रंग की कलाकृतियां तैयार की गई हैं। मंडप में प्रवेश करते ही श्रद्धालु पीपल पेड़ के नीचे भगवान बुद्ध का दर्शन कर सकेंगे। वहीं मंडप परिसर में कैलाश पर्व भी तैयार किया गया है।

भारतीय युवक संघ के मंडप में स्वर्गलोक का दृश्य दिखाया गया है। मंडप के बाहर बैठा उल्लू और अन्य कलाकृतियां बरबस सबको अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं। मंडप के अंदर मिठाई के खाली डिब्बों से डिजाइन बनायी गयी है।

ओसीसी क्लब ने इस बार आकर्षक गुड्डे और गुड़ियों के शहर को दिखाया है। इसके अलावा यहां थ्री डी कलाकृति भी देखने को मिलेगी। रोशनी से चकाचौंध इस पंडाल में मां का भव्य दरबार सजा है।

पंच मंदिर दुर्गा पूजा समिति हरमू ने इस बार  मंडप को आधा ग्लोबनुमा बनाया गया है। मंडप में मां के दर्शन के जाने से पहले भक्तों को आधा ग्लोब पारकर उन्हें माता रानी के दर्शन के लिए जाना होगा। अंदर देवलोक दृश्य होगा। पंडाल पूर्ण रूप से इकोफ्रेंडली तैयार किया गया है। इसे तैयार करने में बांस, कागज, रूई का प्रयोग किया गया है। इस मंडप को मेदनीपुर के कारीगर सुमन के नेतृत्व करीब दो महीने में तैयार किया गया है।

चंद्रशेखर आजाद दुर्गा पूजा समिति ने मंडप को थाइलैंड के बौद्ध मंदिर का काल्पनिक रूप दिया है। इसकी ऊंचाई 90 फीट और चौड़ाई 50 फीट है। बाहर से देखने पर मंडप चांदी का बना दिख रहा है। बाहर से मंडप पर लाइटिंग इस तरह की गई है कि श्रद्धालुओं को यह चांदी जैसा लग रहा है। 1971 से लगातार हो रही दुर्गा पूजा का बजट इस साल 30 लाख रुपये का है।

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