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खदानों और कारखानों में नियम नहीं मानने वालों के लीज और लाइसेंस रद्द करेंः मुख्य सचिव

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खदानों और कारखानों में नियम नहीं मानने वालों के लीज और लाइसेंस रद्द करेंः मुख्य सचिव

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड के मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी ने खदानों और कारखानों में नियम और कानून की कड़ाई से पालन पर बल देते हुए उसकी सतत निगरानी का निर्देश दिया है। उन्होंने खनन विभाग को निर्देश दिया कि जो नियम और कानून के पालन में कोताही बरतते हैं, उनके लीज और लाइसेंस रद्द करें। तिवारी बुधवार को झारखंड मंत्रालय में उच्चतम न्यायालय द्वारा झारखंड में सिलिकोसिस बीमारी की रोकथाम के लिए दिए गए दिशा निर्देश के आलोक में सभी संबंधित विभागों के साथ समीक्षा कर रहे थे।उन्होंने खदानों और कारखानों सहित क्रशर उद्योग में कामगारों को स्वच्छ वातावरण देकर धूलजनित बीमारी सिलिकोसिस से बचाने का निर्देश दिया। कहा, हालांकि प्रदेश में अभी तक इस बीमारी से ग्रसित किसी व्यक्ति की रिपोर्ट नहीं मिली है, लेकिन बीमारी का इलाज करने से बेहतर है कि बीमारी जन्म ही नहीं ले। इसके लिए उन्होंने इससे संबंधित सभी विभागों को निर्देश दिया कि वे ऐसे क्षेत्रों को चिह्नित कर कार्रवाई करें जहां प्रदूषण नियंत्रण और स्वास्थ्य सुविधा का ध्यान नहीं रखा जाता है। उन्होंने सिलिकोसिस बीमारी की पहचान के लिए जरूरी उपकरण खरीदने तथा बीमारी की शुरुआत में पहचान कर इलाज करने को कहा। बैठक में स्वास्थ्य विभाग की ओर से बताया गया कि कुछ उन्नत जांच मशीनें खरीदी गई हैं तथा जांच की जा रही है। मुख्य सचिव ने बीमारियों की पहचान और रोकथाम के लिए इस क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा रांची में स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण दिलाने का भी निर्देश दिया। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में संपन्न समीक्षा बैठक में सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ उच्चतम न्यायालय द्वारा नामित सदस्य डॉ. आर श्रीधर और डॉ. पीके गांगुली भी मौजूद थे।

क्रशर उद्योग में फॉगर का उपयोग अनिवार्य करें

मुख्य सचिव ने कहा कि क्रशर उद्योग में सर्वाधिक धूलकण का प्रकोप रहता है। इस उद्योग में धूल को खत्म करने के लिए स्प्रिंगर से पानी का छिड़काव किया जाता है, जो अलग से कीचड़ आदि उत्पन्न करता है तथा उत्पाद पर भी फर्क डालता है। इससे बचते हुए बिना पानी का नुकसान किए उन्होंने फॉगर मशीन से धूलकण खत्म करने का निर्देश दिया। उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण विभाग को निर्देश दिया कि वह पांच-छह क्रशरों का कलस्टर बनाकर अनिवार्य रूप से फॉगर का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करें। मुख्य सचिव ने पाकुड़, साहेबगंज और दुमका जिले में क्रशर से होने वाले सर्वाधिक प्रदूषण को नियंत्रित करने का निर्देश दिया।

कोयला के परिवहन के दौरान उसे ढकें

मुख्य सचिव ने खनिजों के परिवहन के दौरान उसे ढकने का निर्देश दिया। विशेषकर कोल कंपनी बीसीसीएल और ईसीएल में इसे अनिवार्य रूप से लागू करने को कहा। उन्होंने कहा कि बिना ढंके परिवहन से खनन क्षेत्र के बाहर के लोग भी प्रभावित होते हैं। वहीं खनन स्थलों पर भी खनिजों और कारखानों में उत्पादन के दौरान छोटे और बड़े कणों के वातावरण में फैलने से रोकने के लिए जरूरी उपाय करने का निर्देश दिया। उन्होंने ऐसे कणों की मात्रा को 2.5 और 10 पीएम से नीचे लाने के लिए प्रदूषण नियंत्रण पर्षद को निर्देश दिया। वहीं खदानों और कारखानों में अनिवार्य रूप से नवंबर तक प्रदूषण रोकनेवाली मशीन स्टेशन लगाने का निर्देश दिया और उसे प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के पोर्टल पर अपलोड करने को कहा। कोल कंपनी सीसीएल ने ऐसे 16 मशीन स्टेशन लगाए हैं।

15 दिनों में सभी संबंधित विभाग दें एक्शन प्लान

मुख्य सचिव ने कामगारों के लिए स्वच्छ वातावरण देने तथा उनके स्वास्थ्य आदि की बेहतर व्यवस्था के मद्देनजर सभी संबंधित विभागों से 15 दिन के भीतर एक्शन प्लान तलब किया है। गौरतलब है कि इस मसले से खनन विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, स्वास्थ्य विभाग, ईएसआइएस, डायरेक्टर जेनरल ऑफ माइंस एंड सेफ्टी, इंप्लाईज स्टेट इनश्योरेंस कॉरपोरेशन, श्रम विभाग आदि जुड़े हैं।

स्वास्थ्य जांच के लिए लगातार कैंप लगाएं

मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया कि खनन और उद्योग स्थलों पर कामगारों के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच की जाए। स्वास्थ्य रिपोर्ट ऑनलाइन दर्ज करें। आईटी विभाग की मदद से एक पोर्टल बनाने का भी निर्देश दिया। मेडिकल स्क्रीनिंग बोर्ड के गठन का भी निर्देश दिया।

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