मोबाइल थियेटर से बाल विवाह पर फ़िल्में दिखाकर लोगों को जागरूक करेगा ‘ब्रेकथ्रू’
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: मानवाधिकार और महिला मुद्दों पर काम करने वाली स्वंयसेवी संस्था ‘ब्रेकथ्रू’ बाल विवाह के मुद्दे पर समुदाय को जागरूक करने के लिए ने चलता-फिरता थियेटर लाई है। यह वातानुकूलित मोबाइल थियेटर 25 नवंबर से 18 दिसबंर तक रांची के नगड़ी, सिल्ली, अनगड़ा, नामकुम, बेड़ो और कांके ब्लॉक के 12 स्थानों पर लगाया जाएगा। शुक्रवार केशहर के एक होटल में इसकी जानकारी देते हुए ब्रेकथ्रू की निदेशक उर्वशी गांधी ने कहा कि फिल्में समाज का आईना होती है, जो बदलाव का संदेश देने के लिए एक प्रभावी माध्यम भी हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए इस बार हम ये चलता-फिरता (मोबाइल) थियेटर लाएं हैं। इसमें फिल्मों के माध्यम से हम बाल विवाह,लैंगिक भेदभाव,यौनिक हिंसा और घरेलू हिंसा जैसे प्रासंगिक मुद्दों पर चर्चा करेंगे | साथ ही इससे जुड़ी मैट्रिक पास, सिक्रेट सुपर स्टार फिल्म भी दिखाएगें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2015-16 के आंकड़ों के मुताबिक झारखंड में 38 फीसदी लड़कियों की शादी 18 साल से पहले हो जाती है। बाल विवाह की वजह से लड़कियों पर घरेलू हिंसा की संभावना बढ़ जाती है। 30 फीसदी महिलाओं को शारीरिक हिंसा और 31 फीसदी को शारीरिक और सेक्सुअल हिंसा का सामना करना पड़ता है। 65 फीसदी महिलाएं एनिमिया से पीड़ित हैं | वहीं 6-59 माह के 70 फीसदी बच्चे एनीमिक हैं। स्कूलों में टॉयलट न होने से लड़कियों का ड्राप आउट भी उम्र बढ़ने के साथ बढ़ जाता है। आकड़ों के मुताबिक इस आयुवर्ग में आधे से अधिक लड़कियां माहवारी के दौरान सुरक्षित साधनों से अभी भी दूर हैं। कम उम्र में विवाह,शिक्षा का स्तर कम होने और लैंगिक भेदभाव का एक असर 18 फीसदी रोजगार प्राप्त महिलाओं को काम के बदले में कुछ भी नहीं मिलना भी है।
उन्होंने कहा कि ये कुछ आंकड़े हैं, जो झारखंड की लड़कियों/महिलाओं की कहानी बयां करते हैं। इस तस्वीर को बदलने के लिए हम सब को मिलकर काम करना होगा,किसी एक के काम करने से कोई बदलाव नहीं आएगा। मीडिया बदलाव का एक प्रमुख कारक है,हमें अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा। तभी जमीन पर बदलाव दिखेगा। इस अवसर पर ‘ब्रेकथ्रू’ के स्टेट हेड आलोक भारती ने बताया कि इस चलते फिरते थियेटर से बालालौंग, नगड़ी, पतरातू, कुच्चू, जोन्हा, राजाउलातू, डुगंरी, दिघिया, केसा ,तूको और पिठोरिया राजस्व ग्रामों को हम कवर करेंगें । उन्होंने बताया कि वाताकूलित और डॉल्बी साउंड से सुसज्जित ये थियेटर लगभग तीन घंटें में स्टॉल हो जाता है, जिसमें एक साथ 120 लोग फिल्म देख सकते हैं। इसको लगाने के लिए बहुत ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होती है।
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