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मरने से पहले दो नेत्रहीनों को नवज्योति दे गये हंसराज, तेरापंथ समाज की पहल से चार अंधेरी जिंदगियां हुईं रोशन

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मरने से पहले दो नेत्रहीनों को नवज्योति दे गये हंसराज, तेरापंथ समाज की पहल से चार अंधेरी जिंदगियां हुईं रोशन

सिटी पोस्ट लाइव, बोकारो: चास-बोकारो तेरापंथ परिवार से जुड़े लोग लगातार सच्ची इंसानियत की मिसाल पेश किये जा रहे हैं। कुछ दिन पूर्व ही चास निवासी स्वर्गीय किरण दुधेडिया के बाद अब चास के वयोवृद्ध व्यवसायी बांठिया भी मानवता की सेवा का उदाहरण प्रस्तुत कर चल बसे। मरते-मरते स्वर्गीय बांठिया भी अपनी दोनों आंखें दो नेत्रहीनों को सौंप गये और उनके नहीं रहने के बाद भी अब उनकी आंखों से दो अंधे इस रंगीन दुनिया का दीदार कर सकेंगे। मूलतः चुरू (राजस्थान) तथा यहां चास के जोड़ा मंदिर निवासी हंसराज बांठिया 88 वर्ष के थे। शनिवार शाम हृदयगति रुकने से उनका निधन हो गया। मरने से पूर्व उनकी इच्छा थी कि उनके नेत्र बेकार न जायें। इनसे किसी अंधेरी जिंदगी में रोशनी फैले। परिवार वालों में उनके दोनों पुत्र अशोक बांठिया और जयचंद बांठिया सहित अन्य ने भी स्व. हंसराज की दोनों आंखें दान देने का निर्णय लिया। इसके लिये उन्होंने बोकारो जेनरल अस्पताल (बीजीएच) के नेत्र-अधिकोष प्रभारी डा. संजय चौधरी से संपर्क किया।बीजीएच की डा. रंजना पांडेय और उनकी टीम समाजसेवी गोपाल मुरारका सहित जैन समाज के अन्य लोगों की मदद से मानवता-सेवा के इस कार्य को अंजाम दिया। रविवार को स्वर्गीय बांठिया को अंतिम विदाई देने के मौके पर सुरेश बोथरा, मदन चौररिया, बीएस चौररिया, शान्ति लाल, राजेश शर्मा, श्रीराम खंडेलवाल, घनश्याम अग्रवाल, विनोद चोपड़ा, संजय बैद मनोज छलानी, सज्जन जैन, विक्की लोधा, सोनू, मोनू, करनी, सुरेश अग्रवाल आदि सहित तेरापंथ समाज के लोग बड़ी संख्या में मौजूद थे। सबों ने उनके इस पुनीत कार्य की सराहना करते हुए समाज के लिये इसे एक प्रेरणा बताया। गौरतलब है कि इससे दो दिन पहले ही व्यवसायी चेतनमल बैद की सास किरण दुधेडिया भी अपनी आंखों के जरिये दो अंधेेरी जिंदगी को रोशन कर गयीं। इस प्रकार दो-तीन की अवधि में तेरापंथ समाज के लोगों की पहल से चार-चार नेत्रहीन लोग अब नयी रोशनी पा सकेंगे।

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