सिटी पोस्ट लाइव : वंचित समाज पार्टी के उपाध्यक्ष ललित सिंह ने गुरुवार को कहा कि विधान परिषद के चुनाव में बिहार के प्रमुख दल कहे जाने वाले राजद, कांग्रेस, भाजपा और जदयू की वास्त्विकता सामने आ गई। उन्होंने कहा कि किसी पार्टी ने भी ब्रह्मजन (भूमिहार) समाज को प्रत्याषी नहीं बनाया।
उन्होंने कहा कि प्रदेष में करीब पांच प्रतिषत मतदाता इस समाज से आते हैं। भाजपा की ओर से दो भूमिहार जाति से आने वाले विधान पार्षदों का कार्यकाल भी समाप्त हुआ था, लेकिन उनके एवज में भूमिहार नेताओं को विधान पार्षद नहीं भेजा गया। सिंह ने कहा कि जदयू और भाजपा केवल भूमिहार को वोट बैंक समझती है और जब सत्ता पर पहुंच जाते हैं तो उन्हें दूध में गिरी मक्खी की तरह निकालकर फेंक देती हैं।
उन्होंने कहा कि कमोबेश यही हालत यादव जाति से आने वाले नेताओं की भी हुई है। कई पार्टियों इन्हें अपना वोटबैंक मानती हैं, लेकिन विधान परिषद के इस चुनाव में इन्हें कोई भेजने को तैयार नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि वंचित समाज पार्टी जातीय आधारित राजनीति नहीं करती हैं, लेकिन आज समय है कि जातीय आधारित राजनीति करनरे वालों को आईना दिखाया जाए। सिंह ने कहा कि तीसरे मोर्चा की तैयारी अंतिम चरण में है और इस साल होने वाले चुनाव में यह विकल्प होगा।
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