सिटी पोस्ट लाइव, सरायकेला: झारखण्ड की हेमंत सोरेन सरकार के वरीय अधिकारियों की कार्यशैली से समस्त झारखण्ड के पत्रकार आहत हैं और उन्हें यह अब लगने लगा है कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रूप से पत्रकारिता करने की क़ीमत उन्हें जेल जाकर चुकानी पड़ेगी। मीडिया पर अंकुश लगाने की यह कार्यवाई आज आपातकाल की याद दिलाती है जब पत्रकारों को सच्चाई लिखने पर जेल भेजा जारहा था, उक्त बातें झारखण्ड जर्नलिस्ट एसोसिएशन के संस्थापक शाहनवाज हसन ने आज सरायकेला परिसदन में झारखण्ड जर्नलिस्ट एसोसिएशन के पत्रकारों को संबोधित करते हुये कहीं। प्रदेश सचिव अभय लाभ ने कहा कि चांडिल के मान्यता प्राप्त पत्रकार बसन्त साहू को सरायकेला उपायुक्त के इशारे पर जेल भेज दिया गया है यह उनके विरुद्ध दर्ज मामले में भी उल्लेख किया गया है, प्रेस और प्रशासन के बीच टकराव आज से पहले सरायकेला जिला में कभी देखने को नहीं मिला था।
प्रदेश संगठन सचिव भाग्यसागर सिंह ने कहा कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ स्वतंत्र होकर कार्य करे यह राज्य के लिये भी बहुत ज़रूरी होता है जिस से हम सरकार के समक्ष जनमानस की समस्यों को पहुंचाने का कार्य करते हैं, बसन्त साहू को जेल भेज जाना ये साबित करता है कि कोरोना आपदा के समय जान जोख़िम में डाल कर पत्रकारिता कर रहे हैं जिसके बदले उन्हें जेल भेजा जारहा है। सरायकेला जिला अध्यक्ष प्रताप मिश्रा ने कहा कि अगर बसंत साहू से भूलवश कोई गलती हो गयी थी तो उस गलती को सुधारने की बात न कहकर उनके विरुद्ध मामला दर्ज कर अपराधियों की तरह जेल भेज दिया जाता है जिसकी हम सभी कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।चांडिल अनुमंडल अध्यक्ष उपेंद्र महतो ने कहा कि क्या पत्रकारों का प्रश्न पूछना अपराध की श्रेणी में आता है, हम सभी पत्रकार सरकार और जनता के बीच की धुरी के रूप में कार्य करते हैं, क्या जनता को सच्चाई बताने की सज़ा जेल भेजकर चुकानी होगी। झारखण्ड जर्नलिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य मनोज स्वर्णकार ने कहा कि पूर्व की सरकार भी पत्रकारों के ऊपर दमन कर रही थी और वर्तमान सरकार में भी लगातार पत्रकारों की आवाज़ को दबाने का प्रयास किया जारहा है,इस सरकार से हम सभी को यह आशा जगी थी कि पत्रकारों के विरुद्ध अधिकारियों की दमनकारी नीति पर अंकुश लगेगा, पर अबतक ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है।
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वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद सिंह ने कहा कि पहले हमें बसंत साहू को जल्द ज़मानत मिले इसका प्रयास करना चाहिये।झारखण्ड जर्नलिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश कमेटी द्वारा पर्यवेक्षक के रूप में शामिल शाहनवाज हसन ने कहा कि इस मामले की शिकायत आज ही प्रेस काउंसिल एवं मानवाधिकार आयोग में दर्ज करायी जायेगी, साथ ही मुख्य सचिव से मिलकर इस पूरे प्रकरण की कड़ी आपत्ति दर्ज कराई जाएगी।आज की बैठक में झारखण्ड जर्नलिस्ट एसोसिएशन के चांडिल अनुमंडल से मनोज स्वर्णकार, उपेंद्र महतो, हिमांशु गोप, संजय महतो, कांग्रेस महतो, खगेन्द्र महतो, भास्कर मिश्रा। गम्हरिया से अभय लाभ, चंद्रभूषण शर्मा,गौतम सरकार,अजीत लाभ, जगजीवन महतो,सरायकेला से प्रताप मिश्रा, भाग्यसागर सिंह, प्रमोद सिंह,अंजनी पांडेय, सचिंद्र मिश्रा,विपिन मिश्रा, खरसांवा से मो रमज़ान, सचिंद्र दास एवं चाईबासा जिला के पत्रकार मुख्य रूप से शामिल हुये।
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