सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड की राजधानी रांची स्थित रिम्स निदेशक के बंगले के बाहर इन दिनों सुबह से लेकर देर रात तक बिहार से आये राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेताओं-कार्यकर्त्ताओं की भीड़ लगी हुई है। कोई खुद टिकट का दावेदार है, तो कोई अपने समर्थक को टिकट दिलाने की पैरवी को लेकर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद से मिलने पहुंच जा रहा है। बुधवार सुबह भी करीब 200 की संख्या में आरजेडी कार्यकर्त्ताओं की भीड़ केली बंगले के बाहर लगी रही। इस दौरान बिहार के बख्तियारपुर विधानसभा से पहुंचीं मुन्नी देवी ने भी अचानक सभी नेताओं और मीडियाकर्मियों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया । नौवीं कक्षा पास रजक (धोबी) समाज से आने वाली मुन्नी देवी ने बताया कि वह कपड़े धोने का काम करती है और आरजेडी से टिकट मिलने के बाद राजनीति में पड़ी गंदगी को साफ करने का काम करेंगी। मसौढ़ी सुरक्षित विधानसभा से अपनी दावेदारी पेश करने के लिए केली बंगले पर पहुंची मुन्नी देवी ने बताया कि लालू प्रसाद हमेशा से गरीब गुरबों के नेता रहे हैं और पिछड़ों को टिकट देकर उनका मान बढ़ाया।
बिहार के इस्लामपुर विधानसभा से आये महेश सिंह यादव और उनके समर्थक भी लालू प्रसाद से मिलने की कोशिश में जुटे रहे। नरकटिया और छपरा से भी कई आरजेडी नेता और कार्यकर्त्ता लालू प्रसाद से मुलाकात की कोशिश में जुटे रहे।हालांकि जब मीडिया कर्मी केली बंगले से बाहर खड़े आरजेडी नेताओं से बात करने पहुचते है, तो वे खुद को आरजेडी कार्यकर्त्ता तो जरूर बताते है, लेकिन लालू प्रसाद से मुलाकात की कोशिश से इनकार करते हुए बताया कि वे रांची में अपने रिश्तेदार से मिलने आये थे और इसी क्रम में वे अपने नेता के आवसीय परिसर को ही प्रमाण कर बिहार में चुनाव की तैयारियों में जुट जाना चाहते है। गौरतलब है कि चारा घोटाले के तीन मामलों में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव वर्ष 2018 से ही रिम्स में इलाजरत है और कोरोना संक्रमणकाल में सुरक्षा की लिहाज से उन्हें रिम्स निदेशक के खाली बंगले में रखा गया है। जहां लगातार आरजेडी नेता-कार्यकर्त्ता टिकट की दावेदारी को लेकर पार्टी सुप्रीमो से मुलाकात की कोशिश में जुटे रहते है।
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