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अयोध्या के बाद अब अहमदाबाद का बदला जाएगा नाम, कई और शहरों के नाम बदलने की मांग

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अयोध्या के बाद अब अहमदाबाद का बदला जाएगा नाम, कई और शहरों के नाम बदलने की मांग

सिटी पोस्ट लाइव : भरतीय राजनीति में शहरों और स्थानों का नाम बदलने की परंपरा कोई नई नहीं हैं। मायावती और अखिलेश यादव के शासनकाल में कई बार उत्तर प्रदेश के कई जिलों का नाम बदला जा चुका है। इसके साथ ही बाम्बे को मुंबई, चेन्नई को मद्रास और बंगलोर को बंगलुरू किया गया था। अगर बात की जाए वर्तमान समय की तो हाल फिलहाल में ही मुगल सराय स्टेशन का नाम बदलकर दीन दयाल स्टेशन, इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज और फैज़ाबाद का नाम बदलकर अयोध्या धाम किया गया है।

पिछले कई वर्षों में देश में कई राज्यों और शहरों का नाम बदला जा चुका है, लेकिन जितनी राजनीति इलाहाबाद को प्रयागराज करने पर और फैज़ाबाद को अयोध्या करने पर हुई हो, उतनी राजनीति देश के अन्य किसी शहरों के नाम बदलने शायद ही हुई हो। दरअसल इसके कई राजनीतिक मायने हैं, उत्तर प्रदेश में फिलहाल योगी आदित्यनाथ की सरकार है। योगी की छवि हमेशा कट्टर हिंदुत्व की रही है, जाहिर है कि पिछले दिनों जिस तरह से यूपी के तीन स्थानों का नाम बदला गया उसमें हर पार्टियां अपना नफा-नुकसान देख रही है। इसी के मद्देनजर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने अहमदाबाद का नाम बदलकर कर्णावती रखने प्रस्ताव प्रस्तुत कर दिया है।

वहीं केंद्र और महाराष्ट्र सरकार में भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने भी औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलने की मांग की है।
वहीं इस मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है, कांग्रेस नेता शकील अहमद का कहना है की भाजपा सरकार पूर्णतः असफल हो गई है। इसलिए नाम बदलकर अपनी असफलता छुपा रही है। वहीं भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी ने कहा है कि कुछ अच्छा हुआ हो या नहीं लेक़िन फैज़ाबाद का नाम बदलकर अयोध्या होना ही चाहिए था।

नई दिल्ली से आशुतोष झा की रिपोर्ट

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