मरीज की पुष्टि होने पर आसपास के घरों के आवागमन को सील किया जाएगा : उपायुक्त
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: रांची के उपायुक्त राय महिमापत रे ने कहा कि राज्य में कोरोना वायरस मामलों में बढ़ोतरी हो रही है और इसे लेकर कुछ मिथ्या भी हैं, जिसे दूर करने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाया गया है। उपायुक्त ने कहा कि किसी भी मामले को लेकर उस जिला प्रशासन का पक्ष ले और उसके बाद खबर प्रकाशित या प्रसारित करें, ताकि लोग पैनिक ना हो। मंगलवार को उपायुक्त, एसएसपी एसडीओ और सिटी एसपी संयुक्त रूप से राजकीय अतिथिशाला में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपायुक्त ने डेटा भी पत्रकारों के सामने रखें।
उपायुक्त ने बताया कि रांची में 2653 कांटेक्ट ट्रेसिंग किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि कई जगह के मुकाबले रांची में ज्यादा जांच किए जा रहे हैं और इसी वजह से ज्यादा एसिंप्टोमेटिक मामले मिल रहे हैं। उन्होंने बताया की पॉजिटिव मामलों के पुष्टि होने के कुछ दिनों बाद ही एसिंप्टोमेटिक मामलों की जानकारी मिल पाती है और कांटेक्ट ट्रेसिंग के माध्यम से रांची में इसे पहले ही निकाला जा रहा है।
कोरोना संक्रमण के पाँच वैरायटी
उपायुक्त ने बताया कि अभी जितने भी कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं, वो 5 तरह हैं- पहला जो हिंदपीढी से सीधे लिंके हैं, चाहे एएसआई का मामला हो या एंबुलेंस ड्राइवर का , वह हिंदपीढी की वजह से ही संक्रमित हुए हैं। इस बारे में ऐसा सोचना कि यह अलग क्लस्टर बन गया है यह सही नहीं होगा। दूसरा बेड़ो में जमात से जुड़ा मामला है जहां लोगों को क्वॉरेंटाइन किया गया था। केवल 3 ऐसे मामले हैं जो अलग तरीके से बनते हैं। इसमें बुंडू और एक लैब टेक्नीशियन का मामला है जो अपने पिताजी का अंतिम कार्य कर वापस लौटा था। एक मामला रिम्स के मानसिक रूप से असंतुलित व्यक्ति से जुड़ा हुआ है।
हमारा प्रयास है कि यह मामले आगे ना बढ़े
उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि रांची में 15 कंटेनमेंट जोन बनाया गए हैं। हिंद पीढ़ी लार्ज कंटेनमेंट जोन है जबकि 14 माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं।
रिम्स के अलावा दूसरा कोविड अस्पताल
उपायुक्त ने बताया कि यह भी मिथ्या है कि रिम्स के मरीजों से भर जाने के बाद उन्हें कहां रखा जाएगा? उन्होंने बताया कि इसके लिए जिला प्रशासन ने दूसरे अस्पताल की भी शुरुआत कर दी है। गांधीनगर सीसीएल कोविड-19 अस्पताल की शुरुआत की गई है, जिसका निरीक्षण भी कर लिया गया है। यहां पर मरीज भी जा चुके हैं यह पूरी तरह से क्रियान्वित है। आठ और स्थानों की भी माइक्रो प्लानिंग की जा चुकी है। उपायुक्त ने बताया कि रांची में 6980 से ज्यादा लोगों को क्वॉरेंटाइन किया गया है। लोगों को होम क्वॉरेंटाइन इसलिए रखा जा रहा है क्योंकि संक्रमण फैलने का खतरा इससे कम होता है। आईसीएमआर ने भी इसकी पुष्टि की है। एक मजदूर को क्वॉरेंटाइन से बिना जांच के निकाले जाने की खबर पर उपायुक्त ने कहा कि मजदूर कभी क्वॉरेंटाइन में था ही नहीं। वह शेल्टर होम में था। रांची जिले में करीब 15 शेल्टर होम चलाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य कर्मियों के होटल में क्वॉरेंटाइन किए जाने की खबर जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग के अनुपालन ना किए जाने की बात कही गई थी उसपर उपायुक्त ने कहा कि दरअसल सभी को अलग-अलग कमरे उपलब्ध कराए गए थे।
लोगों के ठीक होने का अनुपात अच्छा
उपायुक्त ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव पाए गए मरीजों के ठीक होने का अनुपात रांची जिले में अच्छा है और आगे भी हम ऐसा ही उम्मीद करते हैं।
28 चिन्हित स्थानों पर निगरानी रखी जा रही है: एसएसपी
एसएसपी ने बताया कि हिंदपीढ़ी इलाके को काँटेन्मेंट जोन बनाया गया है। भौगोलिक स्थिति को देखकर काँटेन्मेंट जोन बनाया जाता है। लॉक डाउन का उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। पूरे क्षेत्र में बैरिकेडिंग की गई है। 14 पेट्रोलिंग पीसीआर काँटेन्मेंट जोन में गश्ती कर रही है। अन्य मामलों में माइक्रो काँटेन्मेंट ज़ोन बनाया गया जो वहां की भौगोलिक दृष्टि को ध्यान में रखकर बनाया गया है। उन्होंने बताया कि 28 ऐसे पायंट्स को चिन्हित किया गया है। जहां से की लोग अन्य जिला में प्रवेश कर सकते हैं उन जगहों पर विशेष निगरानी की जा रही है।
लोगों से अपील
एसएसपी ने रांची के लोगों से अपील करते हुए कहा कि वह अपने घरों में रहें। लॉकडाउन उल्लंघन में सख्त कार्रवाई की जा रही है। सरकारी पदाधिकारियों द्वारा प्राथमिकी दर्ज की जा रही है। आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत 5 साल तक की सजा हो सकती है। जिला प्रशासन कड़ाई और कठोर कार्रवाई के लिए बाध्य होगी। आम जन अपने विवेक का इस्तेमाल कर इस लॉकडाउन को सफल बनाने में जिला प्रशासन का सहयोग करें। लोग अनावश्यक रूप से सड़कों पर बिल्कुल न आएं।
15 माइक्रो कंटेनमेंट जॉन है: एसडीओ
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अनुमंडल पदाधिकारी सदर रांची ने बताया कि सदर अनुमंडल में 14 और बुंडू में एक माइक्रो कंटेनमेंट जोन हैं। हिंदपीढ़ी के लोगों की डायरेक्ट कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जा रही है। साथ ही साथ इनडाइरेक्ट कॉन्टैक्ट में आए लोगों की भी ट्रेसिंग की जा रही है।उन्होंने कहा कि हिंदपीढ़ी का केस केवल एक समुदाय से जुड़ा हुआ नहीं है,बड़ा काँटेन्मेंट ज़ोन है हिंदपीढ़ी। शहर में जो भी माइक्रो काँटेन्मेंट ज़ोन बनाए गए हैं। उस ज़ोन की भी सभी दुकान बंद रहेंगे। सभी लोगों का आना जाना बंद रहेगा। अतिआवश्यक मेडिकल कार्य के लिए अनुमति लेकर ही आवागमन की सुविधा दी जा सकती है। बफर जोन में आवागमन की चेकिंग की जाएगी।
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