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बिहार सरकार द्वारा लॉकडाउन में मजदूरों और किसानों के साथ किया जा रहा भेदभाव : मंजुबाला

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बिहार सरकार द्वारा लॉकडाउन में मजदूरों और किसानों के साथ किया जा रहा भेदभाव : मंजुबाला

सिटी पोस्ट लाइव : हिसुआ के भाजपा विधायक अनिल सिंह ने किया लॉकडाउन का उलंघन। ये कैसी विडंबना है कि एक तरफ बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा बाहरी छात्रों को बसों से यूपी लाने का विरोध कर रहें है और वहीं अपने सुबे के सत्ता के सहायक दल के विधायक को अपनी बेटी को लाने का वाहन पास उन्हीं की सरकार के तंत्र द्वारा निर्गत किया जाता है। क्या लॉकडाउन में इतनी भेदभाव बिहार सरकार द्वारा उचित है? बिहार के लाखों मजदूर जो देश के अलग- अलग राज्यों में फंसे हैं। उनको भोजन में कठिनाई है। बेचारे भुख से तड़प रहे हैं परन्तु बिहार सरकार सुध नहीं ले रही हैं। और ना ही उन्हें कोई पर्याप्त मदद सरकार द्वारा दी जा रही हैं। देश का मध्यम वर्ग , मजदूर और किसान बहुत परेशान हैं, पर सरकार उनके कष्टों के निवारण के लिए उचित कदम नहीं उठा रहीं है।

बिहार के चंपारण में गन्ना किसानों की स्थिति सही नहीं हैं। किसान वितिय संस्थानों से और महाजनों से कर्ज लेकर खेती करते हैं परन्तु गन्ना भुगतान अभी तक नहीं हुआ। लोकतंत्र मजबूत तभी होता हैं जब किसी भी विषयक निर्णय सर्वसम्मति से हो और साथ ही उसका अनुपालन सभी के लिए बराबर हो। परन्तु बिहार में पक्षपात बिहार सरकार द्वारा बिलकुल ही लोकतंत्र के लिए भयावह है। गरीब और मजदूर जो बिहार से बाहर इस लॉकडाउन में फंसे हैं वो बेचारे इस आस में बैठे है कि बिहार और केंद्र सरकार कोई सुध लेगी किंतु बिहार सरकार अपने विधायकों की सुध ले रहीं हैं परन्तु अपने मजदूरों कि कोई परवाह नहीं करती। मजदूर तो बाहर फंसे ही हैं और उनके परिजन भी परेशान है कि बेचारे इस लॉकडाउन में उनके अपने लोग किस हाल में होंगे। बहुत से मजदूरों के परिवार की चूल्हे नहीं जलती ।

बहुत से अप्रवासी मजदूर अपनी झोला उठाए पैदल ही अपने गंतव्य तक चल दिए हैं। रास्ते में उनकी सुध लेनेवाला कोई प्रशासनिक या सरकारी तंत्र नहीं है। कमोबेश यही हाल किसानों की भी हैं। फसलों की बुवाई प्रभावित हो रही हैं। सुगमतापूर्वक खाद और बीज उपलब्ध नहीं हैं। किसानों के पास पैसा की भी कमी हैं। जो आर्थिक क्षमता थी वो पूर्व के फसल में लगा दिए परंतु गन्ना भुगतान अभी तक हुआ नहीं। देश में महामारी चल रहीं हैं परन्तु रसूखदार और सरकार के नुमाइंदे अपनी मर्जी और सरकार के तंत्रों के मदद से अपनी मनमानी कर रहें हैं ऑर ये बिहार के मुखिया के सरकारी तंत्र के मदद से हो रहा है परन्तु सूबे के मुखिया के कानों पे जुं तक नहीं रेंगती। इसका ताजा उदाहरण भाजपा विधायक अनिल सिंह का लॉकडाउन का उलंघन है। मैं मंजुबाला पाठक, बिहार प्रदेश महिला कांग्रेस उपाध्यक्ष ये मांग करती हूं कि बिहार सरकार बाहर फंसे मजदूरों को वापस बुलाए और उनके सहायतार्थ अविलंब फंड की घोषणा करे साथ ही भाजपा विधायक अनिल सिंह मामले पे सूबे के मुख्यमंत्री स्पस्टिकरण जनता के बीच दे।

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