मार्च में 600 लोग विदेशों से आए, जांच जरूरी: सरयू राय
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: जमशेदपुर पूर्वी के निर्दलीय विधायक सरयू राय ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बताया कि कोविड-19 संकट को लेकर उत्पन्न स्थिति के दौरान जमशेदपुर पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने बताया किइस मार्च महीना में करीब 600 लोग यहाँ विदेश से आये हैं जिसमें खाड़ी देश, युरोप, अमरीका से आनेवाले भी हैं. जाँच के उपकरण और डाक्टरों की सुरक्षा वाला पहनावा की व्यवस्था की जाय. मुख्यमंत्री इसपर गम्भीर एवं संवेदनशील दिखे, कहा व्यवस्था की जा रही है . सरयू राय ने बताया कि प्रधानमंत्री ने 1 लाख 70 हजार करोड़ रूपये का कोरोना सहायता पैकेज घोषित किया है उसमें से झारखंड को कितना मिलेगा, कितना वस्तु में होगा और कितना नगद में. इसके उपयोग की प्राथमिकतायें तय हों. सीएम ने बताया कि इसकी अधिसूचना कल आई है. स्वास्थ्य,नागरिक सेवाओं एवं विविध जरूरतों में इसके उपयोग पर केन्द्र की शर्तों के अनुरूप कारवाई की जा रही है. स्वास्थ्य सेवाओं तथा जनसुविधाओं को उपलब्ध कराने पर बराबर ध्यान रहे इसके लिये मुख्यालय और जिला प्रशासन को स्पष्ट दो समूहों में बाँटकर जिम्मेदारी तय होनी चाहिये. सीएम ने कहा कि वे सरकार के समस्त विभागों की जनशक्ति को एकत्र कर इसमें लगाने पर विचार कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि सरकार जो घोषणायें इस संबंध में रोजाना कर रही है उनका क्रियान्वयन सुनिश्चित होना चाहिये अन्यथा उम्मीद रखे लोग नाहक परेशान और निराश होंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका ध्यान इसपर है.उन्होंने कहा कि कोरोनाबंदी में जरूरतमंदों एवं दिहाड़ी मजदूरों के लिये भोजन सबसे बड़ी समस्या है. मैंने सीएम से कहा कि सरकारी राशन उन सभी को दिया जाय जो लेना चाहते हैं. पीला और लाल राशन कार्डधारी, सफेद राशन कार्डधारी, राशन कार्ड के लिये आवेदन करने वालों तथा इसकी योग्यता रखने वाले सभी को राशन दिया जाय. सीएम ने कहा कि वे इसपर विचार कर रहे हैं. सरयू राय ने अपील की जरूरी सामानों की आपूर्ति बरकरार रखने के लिये मुख्यमंत्री को केन्द्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री या प्रधानमंत्री से बात करनी चाहिये. जमशेदपुर में चूड़ा नहीं मिल रहा है कि बाँटा जाय. सामानों एवं सब्जियों के दाम बढ़ रहे हैं. बाजार पर नियंत्रण के हर संभव उपाय करना जरूरी है. पशुओं का चारा महँगा हो गया है. गोपालक परेशान हैं. जमशेदपुर के उपायुक्त से मैंने कई बार शिकायत की. बंगाल और उड़ीसा से पुआल लाने में परेशानी हो रही है. सरकार को इसका ध्यान रखना चाहिये. उन्होंने कहा कि कोरोनाबंदी के मद्देनजर झारखंड के अलग अलग इलाक़ों के लिये सेसेक्टिव इंतजाम करना चाहिये. सभी इलाक़ों के एक डंडे से हांकना व्यवहारिक नहीं होगा. सभी जगह बंदी की सघनता एक समान नहीं रखनी चाहिये. पूरे राज्य की आबादी को एक बराबर बेचैन और परेशान रखने के बदले वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महामारी का सामना करना चाहिये. झारखंड में विदेश से आकर यहाँ घूमने वालों के लिये, चाहे वे कोरोना से संक्रमित हों या नहीं हो, एक अति सुरक्षित जगह पर रखना चाहिये, डिटेंशन सेंटर की तरह.
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