दुमका विधानसभा उपचुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ी
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सिटी पोस्ट लाइव, देवघर: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा दुमका विधानसभा सीट छोड़े जाने से छह माह के भीतर उपचुनाव की संभावनाओं को देखते हुए दुमका में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गयी है। गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ने सार्वजनिक बयान दिया है कि इस सीट को फिर से भाजपा के झोली में डालना ही उनका संकल्प है। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं को अभी से जुट जाने की अपील की है। पिछले विधानसभा चुनाव से पहले यह सीट भाजपा के पास थी। डॉ. लुईस मरांडी इस सीट का प्रतिनिधित्व करती हुई रघुवर सरकार में कल्याण मंत्री बनी थीं। लेकिन 2019 के चुनाव में वह महागठबन्धन प्रत्याशी हेमंत सोरेन से तेरह हजार से ज्यादा मतों से हार गई थीं। इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी के रूप में डॉ. लुइस मरांडी की हार के पीछे उनकी व्यक्तिगत छवि को जिम्मेवार माना गया था। राजनीतिक समीक्षक बताते हैं कि आम जनों से उनका व्यक्तिगत सम्पर्क का अभाव ही उनकी हार का कारण रहा। निकट भविष्य में चुनाव की संभावना देखते हुए अभी से राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। कयासों का दौर भी आरम्भ हो चुका है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इस सीट के लिए होने वाले उपचुनाव में महागठबन्धन उम्मीदवार के रूप में झामुमो से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन उम्मीदवार हो सकती हैं। कल्पना सोरेन ने कहा है कि परिवार और घर के लोगों की जो राय होगी, वो इससे इतर नहीं जाएंगी। इससे यह तय माना जा रहा है कि झामुमो से कल्पना सोरेन का चुनाव लड़ना तय है। भाजपा ने अभी तक उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। फिर भी डॉ. लुईस मरांडी के नाम पर सहमति बने, इसकी संभावना कम लगती है। लेकिन, गोड्डा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे की सक्रियता जिस तरह से बढ़ी है उससे माना जा रहा है कि डॉ. दुबे की महत्वाकांक्षा राज्य भाजपा का नेतृत्व करने की है। बहरहाल, अभी चुनाव में लगभग छह महीने की देरी है किंतु सर्द के सरसराती हवाओं के बीच राजनीतिक गर्मी दुमका से नई पटकथा लिखने को व्यग्र नजर आ रही है।
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