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रामगढ़ चेंबर एवं लघु उद्योग भारती स्टील फैक्ट्रियों के समर्थन में सामने आई

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रामगढ़ चेंबर एवं लघु उद्योग भारती स्टील फैक्ट्रियों के समर्थन में सामने आई

सिटी पोस्ट लाइव, रामगढ़: चेंबर अध्यक्ष विमल बुधिया एवं लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष विजय मेवाड़ ने कहा कि मंदी की मार झेलती लोहे की फैक्ट्रियों को बिजली दरों में की गई 38 प्रतिशत वृद्धि का भी दंश झेलना पड़ा है। इससे तंग आकर फैक्ट्री मालिकों ने प्लांट में ताला मार दिया है। दोनों संगठनों ने इस मुद्दे पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए अविलंब पहल करने की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि झारखंड ऊर्जा विकास निगम द्वारा 33 केवीए से चलने वाली इंगोट और फेरो एलॉय की फैक्ट्रियों पर अप्रैल 2019 से 38 फ़ीसदी की अप्रत्याशित वृद्धि कर दी गई है। इससे प्लांट अचानक भारी आर्थिक बोझ के तले दब गए। दोनों सोमवार को बिजुलिया स्थित रामगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। विमल बुधिया ने कहा कि जिस तरीके से स्टील प्लांट विषम परिस्थिति से गुजर रहे हैं, इनका असर हजारों-लाखों मजदूरों की रोजी रोटी पर पड़ रहा है। साथ ही इससे राज्य और केंद्र सरकार के राजस्व पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा। एक ओर केंद्र सरकार की डीवीसी ने 2.95 रुपए प्रति यूनिट और जेबीवीएनएल ने 5.50 रुपए प्रति यूनिट की दर तय कर दी है। एक ही राज्य में एक ही तरह के उत्पादन फैक्ट्री पर दो तरह की दर की वजह से जेबीवीएनएल से बिजली लेने वाली फैक्ट्रियों पर प्रत्येक टन 2550 की सीधी हानि उठानी पड़ रही है। इस क्रम में बताया गया कि मुख्य कच्चे उत्पादन के तौर पर बिजली का उपयोग करने वाली इंगोट, बिलेट एवं फेरो एलॉय उत्पादक फैक्ट्रियों को बिहार सरकार के समय से ही हाईटेंशन स्पेशल सर्विस के तहत 2 रूपये की विशेष राहत दी जाती थी। इस विशेष छूट को भी हटा लिया गया है। ऐसी स्थिति में प्रदेश भर की फैक्ट्रियों में ताले मारने के अलावा उनके मालिकों के पास कोई चारा नहीं रह गया था। रामगढ़ में शुरू हुई फैक्ट्रियों में ताला मारने की पहल से पूरे प्रदेश की अब तक 36 इंगोट प्लांट में ताला लग चुका है। इस ताला बंदी में रांची, जमशेदपुर, देवघर आदि क्षेत्रों के कारखाने हैं। इससे बेरोजगार होने वाले लाखों मजदूरों के सामने भुखमरी के हालात पैदा होना तय है, जो आने वाले समय में अराजकता की स्थिति पैदा करेगी। बुधिया ने बंद हो रही फैक्ट्रियों के समाधान के लिए राज्य सरकार से तत्काल पहल करने की मांग की। उन्होंने कहा कि एक और नए उद्योग के लिए बड़े आयोजन कर उद्योगपतियों को बुलाया जा रहा है। उससे अधिक झारखंड में लगे उद्योग को बचाव के लिए गंभीर होने की वास्तविक तौर पर जरूरत है। विजय मेवाड़ ने कहा कि ऐसे हालात के चलते उद्योग पर ही संकट है तो नए उद्योग का स्वागत संभव नहीं है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में रामगढ़ चेंबर के पूर्व अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद अग्रवाल ने कहा कि इस गंभीर समस्या से त्रस्त उद्योग के लिए हम हर मुमकिन और मजबूत कदम उठाने के लिए तैयार हैं। ऐसे हालात प्रदेश के अर्थव्यवस्था को कई साल पीछे करने के लिए काफी है।

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