City Post Live
NEWS 24x7

राजकीय श्रावणी मेले में दो टेंट सिटी का निर्माण, 1300 भक्त रह सकेंगे एक साथ

- Sponsored -

-sponsored-

- Sponsored -

राजकीय श्रावणी मेले में दो टेंट सिटी का निर्माण, 1300 भक्त रह सकेंगे एक साथ

सिटी पोस्ट लाइव, देवघर: श्रावणी मेले की शुरुआत 17 जुलाई से हो रही है। मेले में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए इसबार ठहरने की बेहतर व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए देवघर में दो टेंट सिटी बनाए जा रहे हैं, जिसमें 13 सौ के करीब भक्त रह सकते हैं। टेंट सिटी में यात्रियों को रहने, स्वच्छ पानी, स्नानागार, बिजली जैसी तमाम सुविधाएं मिलेगी। यह सभी व्यवस्था पूरी तरह से मुफ्त है। उनकी गाड़ियों को पार्क करने के लिए बेहतर स्टैंड की भी व्यवस्था की गई है। पिछले सावन से इस बार कुछ बदलाव किए गए हैं। टेंट सिटी को एक भव्य रूप दिया जा रहा है। भक्त जब 105 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर देवघर पहुंचते हैं तो वह काफी थके होते हैं। देवघर पहुंचने के बाद उन्हें 5 किलोमीटर से लेकर 15 किलोमीटर की लंबी कतार में खड़ा रहना पड़ता है। ऐसे में दर्शन से पहले आराम देने के लिए राज्य सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने दो भव्य टेंट सिटी की व्यवस्था की है। इस टेंट सिटी में यात्रियों को आराम देह बिस्तर, पंखे, मोबाइल को चार्ज करने के लिए चार्जिंग प्वाइंट, स्नान करने के लिए स्नानागार, पीने के लिए शुद्ध पेयजल और सूचनाओं का आदान-प्रदान करने के लिए मुकम्मल व्यवस्था दी जाएगी। देवघर उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने शनिवार को बताया कि इस बार का श्रावणी मेला ऐतिहासिक होगा क्योंकि इसकी भव्यता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। आने वाले श्रद्धालुओं को आराम मिल सके इसके लिए टेंट सिटी की व्यवस्था की गई है। दोनों ही टेंट सिटी कोठिया में बनाया गया है। जिसमें एक टेंट सिटी की क्षमता 1000 और दूसरे टेंट सिटी की क्षमता ढाई सौ है। उपायुक्त ने बताया कि इसके सौंदर्य पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। ताकि भक्त जब यहां आए तो उन्हें देवनगरी की भव्यता का एहसास हो। चूंकि काफी सारे भक्त अपने वाहन से आते हैं, ऐसे में उनके वाहनों के लिए बेहतर पार्किंग की व्यवस्था भी की गई है। साथ ही सूचनाओं का आदान-प्रदान करने के लिए सूचना जनसंपर्क विभाग की ओर से कई प्वाइंट बनाए गए हैं। कोठिया टेंट सिटी से लेकर बाबा मंदिर तक दोनों ही रास्तों में बेहतर लाइट और ध्वनि यंत्र की व्यवस्था की गई है, ताकि श्रद्धालुओं को दिन हो या रात जाने-आने में कोई दिक्कत न हो।

- Sponsored -

-sponsored-

-sponsored-

Comments are closed.