रिम्स में दवा के अभाव में आयुष्मान मरीज की मौत पर जांच कमेटी ने सौंपी रिपाेर्ट
सिटी पोस्ट लाइव, रांची : रिम्स में दवा के अभाव में आयुष्मान भारत याेजना के मरीज की 12 जून को हुई माैत के मामले में जांच कमेटी ने अपनी रिपाेर्ट स्वास्थ्य सचिव डाॅ. नितिन मदन कुलकर्णी काे साैंपी है। विभागीय संयुक्त सचिव प्रभात कुमार की अध्यक्षता वाली कमेटी ने माना है कि रिम्स में आयुष्मान याेजना के मरीजाें के इलाज का सिस्टम फेल है। जमशेदपुर निवासी जीतू बाग (50) की दवा के अभाव में माैत के मामले में रिम्स प्रबंधन ने गंभीरता नहीं दिखाई। उसकी माैत काे जस्टिफाई करने के लिए रिम्स अधिकारियाें ने कागजाें में भी हेरफेर किया।
रिपोर्ट को कार्रवाई के लिए रिम्स निदेशक को भेजा
जीतू बाग का इलाज करने वाले डाॅक्टराें और रिम्स के अफसराें ने दावा किया कि मरीज का लीवर फेल था। जाे दवा इनडेंट के लिए लिखी गई थी, उससे भी मरीज की जान नहीं बचती। जबकि, जांच कमेटी ने माना है कि बेशक मरीज की जान नहीं बचती, लेकिन मरीज की ‘क्वालिटी आफ डेथ’ बेहतर हो सकती थी। अब इस रिपाेर्ट काे कार्रवाई के लिए रिम्स निदेशक डाॅ. दिनेश कुमार काे भेज दिया गया है। रिम्स निदेशक को आयुष्मान भारत पर शुक्रवार को होने वाली बैठक में रिम्स में योजना से जुड़े आंकड़े लेकर आने को कहा गया है।
कमेटी ने कहा- आयुष्मान मरीजाें के लिए सिस्टम नहीं
जांच कमेटी ने रिपोर्ट में लिखा है कि किसी एक मरीज नहीं बल्कि रिम्स में भर्ती आयुष्मान भारत के सभी मरीजों के साथ ऐसा ही हो रहा है। राज्य के सबसे बड़े अस्पताल में आयुष्मान भारत के मरीजों के लिए कोई सिस्टम काम नहीं कर रहा। डॉक्टर मरीजों को बाहर की दवा लिख रहे हैं। समय पर मरीजों को दवा नहीं मिलने के कारण वे बाहर से दवा खरीदने को मजबूर हैं। अस्पताल में जरूरी दवाओं का पर्याप्त स्टॉक नहीं है। जांच कमेटी ने कई सुझाव भी दिए हैं।
जमशेदपुर के मरीज जीतू बाग की हुई थी मौत
रिम्स में भरती जमशेदपुर निवासी जीतू बाग (50) की 12 जून को दवा न मिलने के कारण मौत हो गई थी। बाग की पत्नी बिमला ने आरोप लगाया था कि लीवर की बीमारी से पीड़ित जीतू बाग को 8 जून को रिम्स में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने रिम्स प्रबंधन को उसकी दवा के लिए मांग पत्र भेजा। लेकिन दवा नहीं मिली। रिम्स प्रबंधन ने यह कहते हुए मांग पत्र लौटा दिया कि दवा नहीं है। अंतत: जीतू बाग की माैत हाे गई। रिम्स में आयुष्मान योजना के और भी कई मरीज दवा के इंतजार में बैठे हैं।
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