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जल संचयन व संरक्षण में गैंग्स ऑफ 20 वाटर लीडर्स को मिली बड़ी सफलता

जल संचयन व संरक्षण में 25वर्षां से जुटे है, एकलव्य प्रसाद 

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जल संचयन व संरक्षण में गैंग्स ऑफ 20 वाटर लीडर्स को मिली बड़ी सफलता

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: वर्त्तमान समय में पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन के खतरों से जूझ रही है। कहीं अत्यधिक वर्षा तो कही सामान्य से कम बारिश, कहीं बाढ़ तो कहीं सूखा आजकल आम बात है। ऐसे संकट के समय में जल संरक्षण, जल संचयन और जल प्रबंधन समय की मांग है। यह काम अकेले कोई नहीं कर सकता किसी के बूते का नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी मानना है कि जल शक्ति के लिए जन शक्ति ज़रूरी है। इसी जन शक्ति के जीते जागते उदाहरण हैं झारखंड, धनबाद के एकलव्य प्रसाद जो पिछले दो दशकों से अधिक समय से जल संचयन और जल संरक्षण के काम में लगें हैं जिसके परिणाम भी काफी उत्साहवर्द्धक रहे हैं। धरती पर जल के सीमित भण्डार और वर्षा रानी की बेरुखी तथा मौसम की बेईमानी के कारण वर्त्तमान समय में जल संरक्षण, जल संचयन और जल प्रबंधन सबसे अधिक चिंता और चर्चा का विषय हैं। कारण साफ़ है जल है तो कल है। यह छोटा वाक्य हमें बस वाक्य भर नज़र आता है लेकिन यही सच्चाई है जिससे हम और आप आँख मूंदे हैं। समस्या विकराल है और समाधान की कोशिश न के बराबर। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस गंभीर विषय पर सभों का ध्यान आकृष्ट कराया है। झारखण्ड के धनबाद के रहने वाले एकलव्य प्रसाद इसके महत्त्व को समझते हुए पिछले 25 सालों से जल संचयन और जल संरक्षण के बड़े अभियान में लगे हैं। राजस्थान में दशकों काम करने और वाटर शेड जैसे जल संचयन के तौर तरीकों से प्रेरणा लेकर एकलव्य ने झारखंड के पड़ोसी राज्य बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाके में मेघ पाईन अभियान की शुरुआत की। इन बातों को घ्यान में रखकर एकलव्य ने 2015 में धनबाद के स्कूली छात्राओं के साथ गैंग्स ऑफ 20 वाटर लीडर्स बनाया, जो जल संचयन और जल संरक्षण के विषय में सर्वेक्षण कर जनजागरुकता फैला रहा है। टीम के इन सदस्यों को लगता है कि जल संकट से निपटने के लिए वर्षा जल का संचयन बेहद जरुरी है।  एकलव्य को भी लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरीके से इस समय की इस मांग पर ध्यान दिया है, उससे समाधान निकलेगा बस ज़रुरत है सामूहिक प्रयास और जन शक्ति की।    भारत समेत दुनियाभर में भूगर्भ जल में लगातार गिरावट आ रही है और जल स्रोत अत्यधिक दोहन के काऱण सीमित होते जा रहे हैं । मौजूदा समय में जल संरक्षण के उपायों को हर किसी को अपनाना होगा तभी हम धरती पर जीवन के अस्तित्व को बचा सकेंगें क्योंकि बिन पानी सब सुन सिर्फ कहाबत नहीं बल्कि आज के समय में सबसे बड़ा खतरा भी है।

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