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कोचांग दुष्कर्म मामले में फादर अल्फांसो सहित सभी छह दोषियों को उम्र कैद

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कोचांग दुष्कर्म मामले में फादर अल्फांसो सहित सभी छह दोषियों को उम्र कैद

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड के कोचांग दुष्कर्म मामले में फादर अल्फांसो सहित सभी छह दोषियों को खूंटी के जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम राजेश कुमार की अदालत ने शुक्रवार को उम्रकैद की सजा सुनायी। जिन दोषियों को सजा सुनायी गयी उनमें फादर अल्फांसो आइंद, जॉन जुनास तिडू, बलराम समद, जुनास मुंडा, बाजी समद उर्फ टकला और आयूब सांडी पूर्ति शामिल हैं। इस मामले में आशा किरण संस्था की भूमिका और सिस्टर रंजीता, सिस्टर विनीता के संबंध में अभी जांच चल रही है। इस मामले में 8 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था। इसमें एक अभियुक्त नोएल सांडी पूर्ति अब तक फरार है। एक नाबालिग के मामले को जुवेनाइल कोर्ट भेज दिया गया है। नाटक मंडली पत्थलगड़ी के खिलाफ जागरूकता फैलाने गयी थी। इसी दौरान घटना को अंजाम दिया गया। इस मामले में 19 लोगों की गवाही दर्ज हुई और न्यायालय ने 11 महीने में फैसला सुना दिया। 7 मई को न्यायालय ने सभी छह आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा पर 17 मई को सुनवाई की तिथि तय की थी। साथ ही फादर को कोर्ट से ही हिरासत में ले खूंटी उपकारा भेज दिया था। सामूहिक दुष्कर्म मामले में बाजी समद उर्फ टकला को मुख्य आरोपी माना गया जबकि फादर अल्फांसो पर मामला दबाने और साजिश को छिपाने का दोषी माना गया। तीन अभियुक्तों जॉन जुनास तिडू, आयूब सांडी पूर्ति और बाजी समद उर्फ टकला को उम्र की सजा सुनाई गई। साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। जुर्माने की राशि नहीं देने पर दो साल अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। कोर्ट के मुताबिक ये राशि पीड़िताओं को दी जायेगी। नाटक मंडली पत्थलगड़ी के खिलाफ जागरूकता फैलाने गयी थी।  प्राथमिकी के अनुसार अड़की थाना क्षेत्र के कोचांग स्थित स्टॉक मन मेमोरियल मध्य विद्यालय कोचांग में 19 जून 2018 की दोपहर 12 बजे स्वयंसेवी संस्था उर्सुलाइन की ओर से नुक्कड़ नाटक का आयोजन हो रहा था। आशा किरण संस्था की सिस्टर रंजीता के साथ नाटक मंडली के 11 सदस्य कोचांग के बाजार टांड़ गये थे। इनमें 18 से 22 साल की 5 युवतियां, तीन लड़के, एक चालक तथा आशा किरण संस्था की दो सिस्टर शामिल थीं। कार्यक्रम शुरू होते ही तीन बाइक पर सवार हथियारबंद अपराधी वहां आ धमके और फादर से बात की। फादर ने कहा कि ये लोग आपको दो घंटे के लिए साथ ले जायेंगे। लड़कियों ने सिस्टर के साथ जाने की बात की, लेकिन फादर ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद शिक्षक-शिक्षिकाओं को धमकाते हुए कार्यक्रम बंद करने की चेतावनी दी। उसके बाद नाटक मंडली की युवतियों से मोबाइल फोन छीन लिया। उन्हें हथियारों का भय दिखाकर अपहरण कर लिया और घसीटते हुए नृत्य दल द्वारा लाये गये चार पहिया वाहन में बैठा लिया। आरोपितों में से एक ने खुद गाड़ी चलाई और युवतियों को छोटाउली जंगल में ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म किया गया। उनके वीडियो भी बनाये। साथ ही उन्हें गंभीर रूप से शारीरिक यातनाएं दी गईं। शरीर के नाजुक अंगों को सिगरेट से दागा गया। पुरुष पीड़ितों के साथ मारपीट की गई। प्यास लगने पर उन्हें पेशाब पीने के लिए विवश किया गया। उन्हें चेतावनी दी गई कि ग्रामसभा तथा पत्थलगड़ी समर्थकों की इजाजत के बिना कार्यक्रम करने के कारण ऐसी सजा दी गई है। लगभग चार घंटे जंगल में रखने के बाद सभी को वापस शाम चार बजे वापस पहुंचा दिया गया। इस घटना के बाद गांव में दहशत का माहौल बन गया। कोई मुंह खोलने को तैयार नहीं था। घटना की बाद इस मामले में पुलिस ने दो अलग-अलग मामले दर्ज किये थे। एक अड़की और दूसरा खूंटी के महिला थाने में। कोचांग के स्टॉपमन मेमोरियल मध्य विद्यालय के प्रभारी व सचिव फादर अल्फोंस आइंद के खिलाफ भी नामजद केस दर्ज किया गया था।

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