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परिस्थिति से प्रभावित और उत्तेजित हो जाने से निर्णय करने की शक्ति खत्म हो जाती है : निर्मला बहन

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परिस्थिति से प्रभावित और उत्तेजित हो जाने से निर्णय करने की शक्ति खत्म हो जाती है : निर्मला बहन

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: ब्रह्माकुमारी संस्थान की संयोजिका निर्मला बहन ने कहा कि परिस्थिति से प्रभावित और उत्तेजित हो जाने से हमारे अन्दर निर्णय करने की शक्ति खत्म हो जाती है। उन्होंने कहा कि जीवन में सदा खुशी रहने के लिए हर परिस्थिति में हमें सकारात्मक विचार की शिक्षा लेनी होगी। निर्मला बहन रविवार को हरमू रोड स्थित चौधरी बगान में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि हम आत्मायें यहां इस सृष्टि कर्मक्षेत्र पर पार्ट बजाने आये हैं, लेकिन हम इस सच्चाई को भूल गये हैं। हम यह भूल गये हैं कि यह शरीर तो केवल एक वस्तु मात्र ही है। अब हमें जब यह समझ मिलती है, तो हमारे विचार भी बदलना आरंभ कर देते हैं। उन्होंने कहा कि परिस्थितियों रूपी कर्मभोग तो जीवन में आना आवश्यक है। कर्मों का हिसाब तो सबको चुक्तू करना ही होगा। हम किस प्रकार उसको अनुभव करते हैं, अपने जीवन में यह हमारे ऊपर निर्भर करता है। जब बहुत शारीरिक दर्द दुःख है, तब कुछ क्षणों के लिए ऐसा अनुभव कीजिए कि हम यह शरीर हैं ही नहीं। मैं एक आत्मा हॅू, ज्योती हॅू। यह देह तो ऊपरी आवरण है, अब इससे परे हो जायें, बिलकुल शान्त हो जायें। जैसे देह से मुक्त मैं बिलकुल हल्की शक्ति हूं और कुछ घड़ियों में आप अनुभव करेंगे कि दर्द होते हुए भी दर्द नहीं है। उन्होंने कहा कि हम महसूस करेंगे कि जो भी देह-भान के कारण दुःख मिलते हैं, आत्मा की शक्ति से वह दुःख सहज पार हो जाते हैं। अगर हम अपने जीवन को सुखी बनाना चाहते हैं, तनाव से मुक्त करना चाहते हैं, तो अपने विचारों को सकारात्मक बनाना होगा। उन्होंने कहा कि हृदय में यह आना चाहिए कि मुझे सबको सुख देना है। सुख लेना नहीं है, दुआयें लेनी है। सुख तो भौतिक है जिसे हम अतीन्द्रिय सुख कहते हैं, वह लेना है।

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