नालंदा : हाफीचक गांव में सरकार से नाराज ग्रामीणों ने किया वोट बहिष्कार का निर्णय
सिटी पोस्ट लाइव : भले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सात निश्चय योजना के तहत हर घर सड़क नल जल और विजली पहुँचाने का दावा कर रहे हों मगर यह दावा उनके ही गृह जिले नालंदा में खोखला साबित हो रहा है | नालंदा जिले के सिलाव प्रखंड के हाफीचक गांव के लोग पिछले सात दशक से सड़क और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं मिलने से नाराज ग्रामीणों ने इस बार लोकसभा चुनाव में वोट बहिष्कार का निर्णय लिया है।
रविवार को सैकड़ो महिला पुरुष ग्रामीण हाथों में तख्ती बैनर लेकर पूरे गॉंव में धूम कर अपना विरोध जताया । ग्रामीणों की माने तो 75 घरों वाले इस वस्ती की करीब 700 की आबादी है । मगर आजादी के बाद से अब तक इस गाँव को न तो पक्की सड़क से जोड़ा गया है न ही पेयजल और न ही विद्यालय है। जिसके कारण यहाँ के बच्चों को पढ़ाई करने के लिए 8 किलोमीटर दूर पैदल जाना पड़ता है। वहीं बरसात के दिनों में पक्की सड़क नहीं होने के कारण लोग अपने घरों से नही निकल पाते है । सबसे ज्यादा परेशानी मरीजो और प्रसव की महिलाओं को होती है ।
उन्हें खाट पर बिठा कर लाना पड़ता है। सबसे बड़ी बिडम्बना यह है कि 700 आबादी वाले इस गाँव की सबसे ज्यादा आबादी दलित और अनुसूचित जाति के लोगों की है । जिसके विकास की बातें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार किया करते है । और अपनी चुनावी भाषण में सात निश्चय योजना की बात कहते है। मगर इस गाँव में आकर उनके विकास की हकीकत देखने को मिल जाता है। यहाँ सात निश्चय योजना का एक भी कार्य नही हुआ है । ग्रामीणों का आरोप है कि हर बार नेता जी चुनाव के समय गाँव आकर वादा करते है । मगर उसके बाद भूल जाते है । हर बार चुनाव के दौरान ठगे जाने से ग्रामीणों ने इस बार वोट बहिष्कार का निर्णय लिया है।
नालंदा से प्रणय राज की रिपोर्ट
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