जाति धर्म भाषा बोली से उपर है होली : सुशील अंकन
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: रांची विश्वविद्यालय में होली की छुट्टी से पहले मंगलवार को पीजी दर्शनशास्त्र विभाग में स्नेह की होली खेली गई। शिक्षकों ने स्नेह और आशीर्वाद के गुलाल विद्यार्थियों को लगाये तो विद्यार्थियों ने भी श्रद्धा, सम्मान और आदर के साथ शिक्षकों को अबीर और गुलाल दर्शन शास्त्र विभाग में विगत सात वर्षों से एक अनोखे अंदाज में होली मनाई जाती रही है। विभागाध्यक्ष और विभाग से जुड़े शिक्षकों का एक बड़ा सा कार्टून पोस्टर बनाया जाता है, जिसमें उनके व्यक्तित्व और कार्यशैली की मर्यादित बानगी होती है। यह कार्टून पोस्टर पूरे आयोजन के आकर्षण का केन्द्र होता है। इस बार के होली उत्सव कार्यक्रम में पूर्व संकायाध्यक्ष एवं पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. सरस्वती मिश्रा ने कार्टून पोस्टर का जैसे ही अनावरण किया पूरा कक्ष ठहाकों से गूंज उठा। उसके बाद बारी-बारी से शिक्षकों को सब्जियों की माला पहनाई गई। डॉ. सरस्वती मिश्रा को गोभी, डॉ. सुशील कुमार अंकन को गाजर, डॉ. पंकज कुमार को सीम, डॉ. राज राजेश्वरी को मिर्ची और निंबू तथा डॉ. अजय कुमार सिंह को करैली की माला पहनाई गई। शोध शिक्षकों को भी विभिन्न सब्ज़ियों की मालाएँ पहनाकर स्वागत किया गया। डॉ. सरस्वती मिश्रा ने होली की शुभकामनाएँ देते हुए विद्यार्थियों को कहा कि वे अपने जीवन से रंग को नहीं जाने दें क्योंकि बिना रंग के जीवन नीरस होता है। मौके पर डॉ. अंकन ने कहा कि होली बहुत ही पवित्र त्योहार है यह जाति धर्म भाषा बोली से उपर है। होली के रंग में गरीब-अमीर का भेदभाव भी मिट जाता है। भाईचारे की इस त्योहार में सभी एक दूसरे को गले मिलते हैं। डॉ. पंकज ने भारतीय सेना के सम्मान में होली से संबंधित अपनी कविता सुनाई। डॉ. राज राजेश्वरी ने विद्यार्थियों को होली की शुभकामनाएँ दीं वही डॉ. अजय ने होली मिलन के इस कार्यक्रम में अगले वर्ष से सहयोग की बात कही। एक दूसरे को रंग गुलाल लगाने के बाद गीत और नृत्य का दौर चला, मिठाइयां भी बांटी गई। पूरे आयोजन को सफल बनाने में अजीत उपाध्याय, अमन कुमार तिवारी, डॉ. सोनी कुमारी, संदीप शीट, गुड़िया कुमारी, डॉ. शारदा वंदना, डॉ. स्नेहा प्रिया ओझा, प्रीति कुमारी,रजत महतो, मलखान सिंह, रीता खलखो, शोभा देवी, आकाश खलखो, दीपक उरांव सहित कई विद्यार्थियों ने भी सहयोग किया। कार्यक्रम का संचालन सोनी और अमन ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सुशील अंकन ने किया।
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