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“विशेष” :  मौजूदा समय में मोदी का विकल्प,विपक्ष में कोई नहीं

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“विशेष” :  मौजूदा समय में मोदी का विकल्प,विपक्ष में कोई नहीं
सिटी पोस्ट लाइव – “विशेष” :देश अभी कठिन दौर से गुजर रहा है और एक तरह से युद्ध के कगार पर है ।हम किसी पार्टी के पैरोकार नहीं हैं ।लेकिन पूरे देशवासी इस विषम परिस्थिति में अपने देश के नेतृत्वकर्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी जी के मुरीद हैं ।बिना शोर-शराबे और ताम-झाम के उन्होंने जो कार्य किये हैं,वे सारे ऐतिहासिक हैं ।पुलवामा फियादीन हमले के बाद, प्रधानमंत्री मोदी विदेश क्यों जाते रहे हैं,इसका जबाब देश को बेहतर तरीके से लगातार मिल रहे हैं ।विरोधी दल वैसे मोदी जी पर लगातार हमलावर रहे हैं ।विपक्ष के अपने अधिकार हैं ।देश के प्रधानमंत्री को अभी सभी विपक्षी दलों के साथ-साथ जनता का भरपूर समर्थन और आशीर्वाद मिलना चाहिए.
पुलवामा हमले के बाद भारत के पक्ष में सबसे पहले इजराईल आया ।इजराईल के तरफ से जो बयान आया, उसके मुताबिक अगर भारत चाहे तो इजराईल आधे घण्टे में पाकिस्तान का अस्तित्व मिटा देगा ।उसके बाद ईरान ने भारत की मदद की बात करते हुए पाकिस्तान पर हमले की बात कही ।फिर अमेरिका,रूस,फ्रांस, जापान,आस्ट्रेलिया,तुर्की और चेक गणराज्य ने भी इस आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए भारत के साथ खड़े रहने की बात कही ।भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश,भूटान,श्रीलंका और मालदीव के अलावे कई मुस्लिम राष्ट्र भारत के समर्थन में आगे आये ।अमेरिका ने तो आतंकवाद के नाम पर पाकिस्तान को परमाणु युद्ध तक की धमकी दे डाली ।भारत ने पाकिस्तान पर नकेल कसते हुए तुरन्त आर्थिक सर्जिकल स्ट्राईक कर डाला ।भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ मोस्ट फेवर्ड नेशन की पात्रता खत्म कर डाली ।इस दौरान सबसे बड़ी बात यह हुई कि चीन ने पाकिस्तान की कड़ी फटकार लगाई और आतंकवाद के नाम पर उसे बहुत जलील किया ।चीन ने पाकिस्तान के सैन्य उड़ानों पर पाबंदी तक की बात कह डाली ।यानि अंतर्राष्ट्रीय जगत में पाकिस्तान पूरी तरह से अकेला हो गया ।यह मोदी की विदेश नीति और कूटनीति का ही बेहतरीन नतीजा है कि पाकिस्तान आज हाथ जोड़कर ना केवल दया की भीख मांग रहा है बल्कि युद्ध की जगह हर मोर्चे पर बातचीत के लिए तैयार है.
पाकिस्तानी सैनिकों की चंगुल में फंसे विंग कमांडर अभिनंदन की सकुशल भारत वापसी भी वर्तमान भारतीय कूटनीति का हिस्सा है ।अभिनंदन को लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकार आयोग की आकस्मिक बैठक बुलाना,भारत की महत्वपूर्ण जीत है ।बीते कल नरेंद्र मोदी ने तल्ख लहजे में यह कहा कि यह पायलट अटैक है ।आगे बहुत कुछ होना अभी बांकि है ।इस विषम परिस्थिति में नरेंद्र मोदी सभी कामों को यथावत करते हुए हर सैन्य कारवाई की खुद से मोनेटरिंग भी कर रहे हैं ।देश अभी मोदी के जयकारे लगा रहा है ।पहली बार पाकिस्तान इतना मोहताज होकर गिड़गिड़ा रहा है ।पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तानी खुफिया तंत्र ने अपने देश के अंदर आतंक के आकाओं को अपनी जान की हिफाजत खुद से करने की मुनादी करा दी है ।वाकई मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत लगातार फ्रंटफुट पर खेल रहा है ।इसमें कोई शक नहीं है कि यह वक्त सिर्फ और सिर्फ मोदी की हौसला अफजाई का है ।लेकिन राजनीतिक भविष्य को बचाने और संवारने की गरज से कुछ विपक्षी दल के सूरमा सारी सीमाओं को तोड़ते हुए मोदी से कई तरह के सबूत मांग रहे हैं ।इस कड़ी में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को वायु सैन्य कारवाई के पुख्ता सबूत की जरूरत है ।यह वक्त अपनी सेना और केंद्र सरकार के मनोबल बढ़ाने का है लेकिन इन्हें विपक्षी होने के नाते,हर बात के लिए सबूत की जरूरत है ।ममता बनर्जी का व्यवहार इस समय एक अलग राष्ट्र के नेतृत्वकर्ता वाला है ।हम इस खबर के माध्यम से सबसे पहले यह सवाल उठा रहे हैं कि अगर देश का नेतृत्व फिलवक्त राहुल गांधी के हाथ में होता तो देश की तस्वीर कैसी होती ?क्या इस हालात से राहुल गांधी उबरने में सक्षम साबित होते ?अगर देश का नेतृत्व ममता बनर्जी,या फिर मायावती के हाथ में होता,तो देश अभी किस हालात में होता ?देश की आंतरिक राजनीति में हमेशा सवालों के घेरे में रहने वाले,देश पर आई इस विराट संकट से आखिर कैसे निपटते ?वोट की राजनीति एक अलग मसला है ।वोट की राजनीति से अंतर्राष्ट्रीय मसले हल नहीं होते हैं ।देश का नेतृत्व कैसे हाथ में होना चाहिए,जनता को इसको लेकर सदैव सजग रहने की जरूरत है ।यह एक बेहद गंभीर सवाल है,इसपर देशवासियों को तटस्थ और पूर्वाग्रह से मुक्त होकर विचार करना जरूरी है ।
पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह की “विशेष”रिपोर्ट

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