रोहतास : स्वर्णकार समाज ने अति पिछड़ा का दर्जा पाने के लिए भरी हुंकार
सिटी पोस्ट लाइव : बुधवार को डेहरी-ऑन-सोन नगर भवन में स्वर्णकार समाज के तत्वाधान में संत नरहरी जयंती और जिला स्वर्णकार सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन का उद्घाटन संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष किरण वर्मा, प्रदेश अध्यक्ष अरुण वर्मा, प्रदेश महासचिव एवं एनडीए के पूर्व प्रत्याशी रिंकू सोनी, संगठन मंत्री उपेंद्र कश्यप, जिला अध्यक्ष सुनील शरद ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित करके किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष किरण वर्मा ने कहा कि समाज हमारा असुरक्षित महसूस कर रहा है।हमारे लोग वर्तमान समय में मारे जा रहे हैंऔर लुटे जा रहे है। जिसके कारण सरकार हमारी सुरक्षा प्रदान करें ।वहीं प्रदेश अध्य्क्ष अरुण वर्मा ने कहा कि हमारे समाज दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। 1962 जब गोल्ड कंट्रोल एक्ट बना तो स्वर्णकारों की स्थिति दयनीय हो गई।
आज स्वर्णकार का बच्चा सब्जी और अंडा बेच रहा है। प्रदेश में सुनारों की आबादी करीब 7 लाख है। वहीं सम्मेलन में रिंकू सोनी ने कहा कि 40 वर्षों से हमारी मांग होते आ रही है कि सुनार जाति को अति पिछड़ा की सूची में शामिल किया जाए। सरकार से सामाजिक समानता के लिए आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए। सरकार की तरफ से वही सरकार से समाज के लोगों ने सुरक्षा प्रदान करने की भी मांग किया।
इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष सुशील कुमार सोनी, युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष गणेश कुमार, प्रदेश महासचिव विक्रमादित्य प्रसाद, प्रदेश संगठन सचिव उपेन्द्र कश्यप, जिलाध्यक्ष सुनील शरद, राष्ट्रीय सह कोषाध्यक्ष राज कुमार, वार्ड पार्षद लालती देवी एवं नेहा देवी, चंद्रभूषण प्रसाद, हेमंत वर्मा, अवधेश प्रसाद कश्यप, सुधीर कुमार उपस्थित रहे। मंच का संचालन जिला अध्यक्ष सुनील शरद एवं प्रदेश संगठन मंत्री उपेन्द्र कश्यप ने किया। वशिष्ठ प्रसाद, सुरेंद्र सेठ, दिलीप स्वर्णकार, बिट्टू सोनी, संतोष सोनी, बिक्की सोनी, मुकेश कुमार, पुतुल सोनी, बीरेंद्र कुमार, विष्णु कुमार, बिड्डू सोनी, भोला सोनी, मिथलेश कुमार, बबल कश्यप, सचिदानंद प्रसाद डॉ.माणिक चंद उपस्थित रहे।
अपने संबोधन में रिंकू सोनी ने आगत अतिथियों से आग्रह किया कि आप प्रदेश व देश स्तर पर समाज को अति पिछड़ा वर्ग में शामिल करने की मांग को पूरा कराने का प्रयास करें डेहरी विधानसभा क्षेत्र व रोहतास जिला के हम सभी समाज के लोग आपके कदम से कदम मिलाकर चलने को तैयार है. उन्होंने संत नरहरी दास के संबंध में बताते हुए कहा कि प्रख्यात धर्म-ग्रंथ रामचरित ग्रंथ लिखने का गूरुमंत्र संत नरहरि सुनार ने ही गोस्वामी तुलसी दास को दिया था. उनका यज्ञोपवित संस्कार संवत-1561 में संत ने किया था. इनका जन्म देवगिरी, जिला-औरंगाबाद (महाराष्ट्र) में दीनानाथ सुनार के घर हुआ था.पिता पारम्परिक तौर पर स्वर्ण भूषण निर्माण का कार्य करते थे.रामचन्द्र दास, कृष्णदास, हरिप्रसाद, मुकुंदराज मुरारी और नरहरि एक ही वंशपरम्परा के हैं.संत नरहरि की पत्नी का नाम- गंगा, बेटा का नाम – नारायण व बेटी का नाम-मालु है. उन्होंने मराठी भाषा में दो किताबें भी लिखी है।
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