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रांची: एक करोड़ के इनामी नक्सली सुधाकरण का आत्मसमर्पण

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रांची: एक करोड़ के इनामी नक्सली सुधाकरण का आत्मसमर्पण

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड सरकार का एक करोड़ का इनामी नक्सली सुधाकरण उर्फ सत्वाजी बुरिचारी और उसकी पत्नी माधवी उर्फ नीलिमा उर्फ वैदुगला अरुणा रेड्डी ने सोमवार को पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के सेंट्रल कमिटी का सदस्य सुधाकरण और उसकी पत्नी माधवी ने तेलगांना के सीमावर्ती इलाके निर्मल बार्डर पर सरेंडर किया है। माधवी पर भी झारखंड सरकार की ओर से 25 लाख का इनाम घोषित था। 2015 से झारखंड की कमान संभाल रहा था सुधाकरण ने 2015 के अंत में नक्सली संगठन की तरफ से झारखंड की कमान संभाली थी। अरविंद के बीमार होने की वजह से सुधाकरण की भूमिका लगातार महत्वपूर्ण होती गई। ऐसे में संगठन में अपने ओहदे का इस्तेमाल कर उसने खुद भी करोड़ों की संपत्ति बनायी। केंदू पत्ता कारोबारियों और ठेकेदारों को डरा- धमकाकर उसने अपने पार्टनर सत्यनारायण को ठेका दिलवाना शुरू किया। इस कमाई के साथ-साथ लेवी की कमाई को भी वह सत्यनारायण के जरिए तेलंगाना भेजता था। बताया जाता है कि तेलंगाना में भी उसने भारी- भरकम निवेश कर कमाई की।

रांची: एक करोड़ के इनामी नक्सली सुधाकरण का आत्मसमर्पण

ध्वस्त रेड कॉरिडोर को मजूबत करने की थी जिम्मेदारी 
सुधाकरण के झारखंड आने के बाद उसकी पत्नी माधवी को भी बिहार स्पेशल एरिया कमेटी का सदस्य बनाया गया। पुलिस अभियानों की वजह से ध्वस्त हो चुके रेड कॉरिडोर को मजबूत करने की जिम्मेदारी दंपत्ति को दी गई थी। दोनों ने लातेहार, गढ़वा, छत्तीसगढ़ सीमा के बुढ़ापहाड़ में लंबे अरसे तक कैंप किया था।
पीडब्लूजी से की थी शुरुआत
सुधाकरण ने 1990 में पीपुल्स वार ग्रुप (पीडब्लूजी) की सदस्यता ली थी। तब वह 12 वीं कक्षा का छात्र था, उस समय उसे चेनुरूर एरिया कमेटी का कमांडर बनाया गया। सितंबर 2004 में पीडब्लूजी के एमसीसी में विलय के बाद जब भाकपा माओवादी संगठन बना तब सुधाकरण आंध्र प्रदेश में सक्रिय रहा। 2011 में सुधाकरण को छत्तीसगढ़ के दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का सदस्य बनाया गया। 2015 के आखिरी महीनों में उसे संगठन में प्रमोट कर सेंट्रल कमेटी मेंबर बनाया गया। तब वह लातेहार के बूढ़ापहाड़ आया। उसकी पत्नी माधवी भी पूर्व में दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी की सदस्य थी।
पुलिस जांच में हुआ था खुलासा, दो सौ करोड़ रुपए की संपत्ति
सुधाकरण ने करीब दो सौ करोड़ रुपए की संपत्ति अर्जित कर कई कंपनियां खोल रखी हैं। उन कंपनियों को खड़ा करने में उसने लेवी के पैसे लगाए हैं। हैदराबाद, तेलंगाना के मनचेरियल समेत अन्य जगहों पर उनकी कंपनियां काम कर रही हैं। इस बात का खुलासा सुधाकरण के बिजनेस पार्टनर सत्यनारायण रेड्डी ने रांची पुलिस के समक्ष किया था। उसने पुलिस को बताया कि सुधाकरण ने कई लोगों के नाम से संपत्ति अर्जित कर रखी है। उसने पुलिस को यह भी जानकारी दी कि लेवी लेने के बाद राशि का बंटवारा होता है। उसके हिस्से की राशि को वह अपने किसी न किसी बिजनेस में लगा देता है ताकि लेवी का पैसा वैध हो जाए। सुधाकरण 15 लाख देता है इनकम टैक्स सुधाकरण का बिजनेस पार्टनर रहे सत्यनारायण रेड्डी ने रांची पुलिस को कई अहम जानकारियां दी थी। उसने बताया कि सुधाकरण की कई कंपनियां है। हर कंपनी के लिए अलग-अलग चार्टड अकाउंटेट रखा है। कंपनी का सारा हिसाब-किताब सीए ही देखता है। हर साल सुधाकरण 15 लाख रुपए इनकम टैक्स देता है। 

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