कम लागत वाली तकनीकों को विकसित करें, इससे बढ़ेगी किसानों की आयः डॉ. डीएन सिंह
रांची के बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में अध्ययनरत कृषि छात्रों ने कृषि वैज्ञानिकों संग फील्ड अनुसंधानों को देखा
कम लागत वाली तकनीकों को विकसित करें, इससे बढ़ेगी किसानों की आयः डॉ. डीएन सिंह
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: बिरसा कृषि विश्वविद्याल (बीएयू) अनुसंधान निदेशक डॉ. डीएन सिंह ने कहा कि किसानों की स्थानीय समस्याएं, उनकी जरूरतों और कम लागत वाली तकनीकों को विकसित करें। इससे किसानों की आय बढ़ाई जा सकेगी। उन्होंने वैज्ञानिकों को अनुसंधान की गुणवत्ता बनाये रखने के सभी संभव उपाय करने और किसान हित के तकनीकों के प्रसार पर बल दिया। शुक्रवार को वे अध्ययनरत कृषि छात्रों जानकारी दे रहे थे। कृषि कॉलेज, गढ़वा के 49 छात्रों के दल ने शुक्रवार को बिरसा कृषि विश्वविद्याल (बीएयू) अनुसंधान निदेशक डॉ. डीएन सिंह और वैज्ञानिकों के साथ मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन विभाग में प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के तहत फील्ड में चलाये जा रहे फसल शोध तकनीकों को देखा। फील्ड भ्रमण में छात्रों और वैज्ञानिकों ने विभाग द्वारा वर्ष 1956 से संचालित स्थायी खाद प्रायोगिक प्रक्षेत्र, वर्ष 1972 से संचालित दीर्घकालीन उर्वरक प्रायोगिक प्रक्षेत्र तथा किसानों की आय बढ़ाने वाली कम लागत वाली तकनीकों के तहत राइजोबियम कल्चर का चना पर प्रभाव, बायोचार का तीसी पर प्रभाव, ट्राइकोडर्मा का तीसी पर प्रभाव, फसल अवशेष का गेहूं पर प्रभाव तथा जलकुम्भी का आलू पर प्रभाव के प्रदर्शन को देखा। इस मौके पर डॉ. डीके शाही, डॉ. बीके अग्रवाल, डॉ. पी महापात्र, डॉ. एसबी कुमार, डॉ. आशा सिन्हा और प्रो. भूपेन्द्र कुमार ने प्रायोगिक प्रक्षेत्र की शोध तकनीकों एवं उपयोगिता से वैज्ञानिकों एवं छात्रों को अवगत कराया। मौके पर विभाग के अध्यक्ष डॉ. डीके शाही ने वैज्ञानिको एवं छात्रों को किसान समस्या आधारित प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन की जैविक कृषि सहित सभी शोध गतिविधियों की जानकारी दी। इस अवसर पर डॉ. पीके सिंह, डॉ. कुमुद सिंह, प्रो. डीके रूसिया, डॉ. रविन्द्र प्रसाद, डॉ. अरविन्द कुमार, डॉ. एनसी गुप्ता, डॉ. अशोक सिंह, डॉ. सीएस सिंह सहित विभाग के पीजी छात्र भी मौजूद थे।
Comments are closed.