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वैकेंसी रामगढ़वासियों के लिए, भर्ती हुए लातेहार, बोकारो और पलामू के लोग

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वैकेंसी रामगढ़वासियों के लिए, भर्ती हुए लातेहार, बोकारो और पलामू के लोग

सिटी पोस्ट लाइव, रामगढ़: रामगढ़ जिले का स्वास्थ्य विभाग इन दिनों घोटाले और अनियमितता के लिए चर्चा में है। चर्चा यह भी है कि विभाग के तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों के चयन में भारी अनियमितता बरती गई है और इसके लिए लाखों रुपये की उगाही भी की गई है। अब मामला गर्म हुआ है तो सवाल चयन समिति पर ही उठ रहा है। इस चयन समिति का नेतृत्व खुद डीसी राजेश्वरी बी कर रही हैं। रामगढ़ जिले के स्वास्थ्य विभाग द्वारा विज्ञापन 2/2018 निकाला गया था। इस विज्ञापन में मेडिकल ऑफिसर, जीएनएम, एएनएम, लैब टेक्निसियन, फार्मासिस्ट, बीडीएम और डाटा इंट्री ऑपरेटर के पद पर बहाली के लिए आवेदन मंगाया गया था। इस विज्ञापन के लिए कुछ दिनों बाद एक संशोधित पत्र भी विभाग ने निकाला। इसमें वर्ग 3 और वर्ग 4 के कर्मचारियों के चयन के लिए उन्हीं लोगों को योग्य बताया गया जो रामगढ़ जिले के निवासी होंगे, लेकिन जब चयन सूची का प्रकाशन हुआ तो पूरा घोटाला ही सामने आ गया। लैब टेक्नीशियन के पांच पद थे। इनमें चार पदों पर लातेहार, पलामू और बोकारो के लोगों का चयन कर दिया गया। इनमें लातेहार जिले के हेरहंज निवासी कुमारी अंकिता, पलामू जिले के मुर्रामकला गांव निवासी राहुल किशोर रवि, लातेहार के बहेरा टोला निवासी दिलीप टोप्पो, बोकारो जिले के हरजकुरवा गांव निवासी मनीष कुमार का चयन कर दिया गया। यहां तक कि विभाग ने एक प्रतिक्षा सूची भी तैयार की है जिसमें चार लोगों को रखा गया। इसमें भी मात्र एक अभ्यर्थी ही रामगढ़ जिले का है। इसके अलावा दो पलामू जिले का और एक गुमला जिले के अभ्यर्थी हैं।
विवाद हुआ तो सिविल सर्जन ने खटखटाया डीसी का दरवाजा
इस मामले में सिविल सर्जन डॉ. नीलम चौधरी ने बताया कि चयन सूची को लेकर काफी विवाद हो गया है। काफी शिकायतें भी आईं और इस बारे में डीसी राजेश्वरी बी से बात करने का समय लिया जा रहा है। हालांकि अभी तक डीसी ने उन्हें मिलने का समय नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि मैंने तो हाल ही में रामगढ़ जिले का प्रभार ग्रहण किया है। इससे पहले जो सिविल सर्जन थे उन्हें की निगेबानी में चयन की पूरी प्रक्रिया संपन्न हुई है। हालांकि सारा अनुमोदन डीसी के नेतृत्व में गठित चयन समिति ही अभ्यर्थियों का चयन करती है। इसमें डीएस भी शामिल रहती हैं। उन्होंने पैसे के लेन देन पर कहा कि अभी तो इसके पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं। इसलिए इस विषय पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। इस पूरी चयन प्रक्रिया की जांच एक टीम गठित कर कराई जाएगी और इसी के लिए डीसी से समय मांगा गया है। 

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