झारखण्ड पिछले चार साल में विकास की नयी ऊंचाईयों पर : रघुवर दास
सिटी पोस्ट लाइव, रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि पिछले चार साल में झारखंड विकास की नयी ऊंचाईयों पर पहुंचा है। यह टीम वर्क का नतीजा है। इस विकास को अब तीव्र गति देनी है। शासन पर जनता का विश्वास बढ़ा है। इसे और मजबूत करना है। काम में तेजी लाने के लिए प्रक्रिया का सरलीकरण करना होगा। नियमों को सरल करें ताकि विकास कार्यों में बाधा नहीं आनी चाहिए। आज की जरूरत के अनुसार नियमों में बदलाव करें। आम लोगों की समस्या का समाधान करें। उक्त बातें उन्होंने झारखंड मंत्रालय में केंद्र व राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं की उच्चस्तरीय समीक्षा के दौरान कहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के अधिकांश क्षेत्र आज नक्सल मुक्त हो चुके हैं। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। जनता खुद को खुरक्षित महसूस कर रही है। जनता की मांग काफी छोटी-छोटी है। उन्हें आवास चाहिए, जो हम प्रधानमंत्री आवास योजना व अंबेडकर आवास योजना के तहत दे रहे हैं। उन्हें अच्छी सड़क चाहिए, जो गांव-गांव में बन रही है। बिजली घर-घर पहुंचायी जा चुकी है। अब लोगों को क्वालिटी बिजली देने की प्रक्रिया चल रही है। गांव के हर वृद्ध को वृद्धा पेंशन, विधवा महिलाओं को विधवा पेंशन, दिव्यांगों को दिव्यांग पेंशन को शत प्रतिशत पहुंचाना है। उज्जवला योजना के तहत राज्य की और 14 लाख महिलाओं को एलपीजी गैस कनेक्शन, चूल्हा और पहली रिफिल फ्री दी जायेगी। इसके लिए भी जल्द प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश मुख्यमंत्री ने दिया मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण सड़कों की मरम्मति के लिए इस बार के बजट में अलग से फंड दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गांव में लाभुकों के साथ स्वयं सहायता समूह को जोड़ें ताकि आवास बनाने के काम में तेजी आये। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधान सचिव, कमिश्नर, डीसी तथा डीजीपी से लेकर डीएसपी तक के पुलिस पदाधिकारी सप्ताह में एक दिन गांव जाएं और सीधे जनता से संवाद करें -चौपाल लगायें। इससे ग्रामीणों के छोटे-छोटे मुद्दों का आसानी से समाधान हो सकेगा। शासन और जनता के बीच दूरी नहीं रहने से बिचौलिये भी समाप्त होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबों का काम करने से शांति मिलेगी। कमीश्नर अपने क्षेत्र के बीडीओ, सीओ के कार्यों की समीक्षा करें। राज्य से आज नक्सलवाद लगभग पूरी तरह समाप्त हो गया है, राज्य के 13 जिले के जो गांव नक्सल प्रभावित थे उन गांवों के युवाओं को कौशल विकास से जोड़ कर उन्हें प्रशिक्षित करने के कार्य चल रहा है। इसमें और तेजी लाएं। टेक्सटाइल समेत अन्य क्षेत्रों में उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जा रहे हैं। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों मे एलडब्ल्यूइ की मद में केंद्र सरकार से मिल रही राशि को केवल विकास कार्यों में खर्च करें। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पानी की टंकी बनाये। इस टंकी के पास नल के माध्यम से ग्रामीणों को जलापूर्ति होगी। दूसरे चरण में इस टंकी को पाइपलाइन के माध्यम से जोड़कर लोगों को पेयजल मुहैया कराया जायेगा। इसके साथ ही गांव में स्ट्रीट लाइट लगायें। इससे रात में भी लोग रोजगार व आवागमन कर सकेंगे। इससे भी गांव में बदलाव आयेगा। गांव में पेभर ब्लॉक के माध्यम से सड़क बनायें। इससे ग्राउंड वाटर रिचार्ज भी होगा और गांव भी साफ सुथरा दिखेगा। इसके लिए स्थानीय एसपी के साथ ही उस क्षेत्र में काम कर रही सुरक्षा एजेंसियों के वरीय अधिकारी से योजना में मदद लें। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले 5-6 माह काम करने का समय है। इसके बाद बरसात में काम धीमा हो जायेगा। डीसी सांसद-विधायक निधि की योजनाओं को स्वीकृत कर तय समय सीमा में तेजी से कार्य करायें। इससे विकास कार्यों में तेजी आयेगी। स्कूलों में बच्चों की ड्रेस बनवाने का कुछ उपायुक्तों ने अच्छा काम किया है। दूसरे डीसी उनसे सीख लेकर अपने जिले में इसे लागू करें। इसमें गांव की महिलाएं ही ड्रेस सिलने का काम कर रही है। सभी उपायुक्त अपने अपने जिले में महिलाओं को प्रशिक्षण दें, सरकार महिलाओं को मशीन देगी। इसी मदद से वे ड्रेस सिल सकेंगी। आदिवासी ग्राम विकास समिति और ग्राम विकास समिति के माध्यम से जो अनुशंसा आयी है, उस पर फंड जारी करने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता रैली निकालने को कहा। इसके अलावा राज्य के सभी 203 कस्तुरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों में सहायक महिला पुलिस की तुरत तैनाती का निर्देश दिया। गांव में चिकित्सा सेवा के लिए कुछ जिलों ने मोटरसाइकिल एंबुलेंस सेवा शुरू की है। इसी प्रकार की सेवा सभी जिलों के सुदूर गांवों के लिए शुरू करें। आयुष्मान भारत से ज्यादा से ज्यादा अस्पतालों को जोड़ने के लिए उपायुक्त जिलास्तर पर सलाहकार समिति बनायें। इसमें वे निजी अस्पतालों को योजना में शामिल होने के लिए प्रेरित करें। जिलों में एनएचएम , एएंडएम आदि का कोई भी पद फरवरी तक खाली न रहे, इसे सुनिश्चित करें। रेडी टू इट योजना के लिए रामगढ़ के गोला में पायलट के तहत योजना की शुरुआत की जा रही है। इसे अच्छी तरह से लागू करायें। सुकन्या योजना के तहत 15 जनवरी से लाभुकों का चयन कर उन्हें इसका लाभ देने की शुरुआत करें। इसमें सांसद, विधायक व अन्य जन प्रतिनिधियों को साथ में जोड़ें। समारोह आयोजित कर लाभुकों को राशि दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में छात्रावासों की स्थिति का जायजा लें और कमियों को दूर करें– सुधार करें। दुमका में फरवरी में आर्मी द्वारा बहाली का आयोजन किया जायेगा। वहां के युवाओं को इसके लिए पहले से तैयारी करायें। इसका व्यापक प्रचार और प्रसार हो ताकि अधिक से अधिक ग्रामीण युवा भाग ले सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जल्द से जल्द लोगों को पेयजल पहुंचाना है। अप्रैल तक सभी कार्य पूरा हो ताकि गर्मी में पेजयल की दिक्कत ना हो। इसके लिए मिशन मोड़ में काम करें। इसमें आदिम जनजाति गांवों को प्राथमिकता दें। इसके साथ ही एससी-एसटी गांवों में भी पानी पहुंचाने की कवायद तेजी से करें। एडवांस प्लानिंग करें, ताकि हर जरूरत मंद तक समय से पानी पहुंचा सकें बैठक में राज्य के मुख्य सचिव श्री सुधीर त्रिपाठी, विकास आयुक्त सह अपर मुख्य सचिव श्री डीके तिवारी, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव श्री अरुण कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक श्री डीके पांडे, सभी प्रधान सचिव, सभी सचिव, सभी प्रमंडलीय आयुक्त, सभी जिलों के उपायुक्त सहित सभी विभागों के आला अधिकारी उपस्थित थे.
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