पेड़-पौधे और झाड़ियां बने हैं बोकारो में उड़ान का ग्रहण, एयरपोर्ट अथारिटी टीम नाराज
सिटी पोस्ट लाइव, बोकारो: बोकारो में व्यावसायिक उड़ान सेवा पर कभी राजनीति तो कभी विरोध का ग्रहण तो लगता ही रहा है, लेकिन इस बार ग्रहण का कारण बने हैं प्रशासनिक शिथिलता और पेड़-पौधे व झाड़। अब जब सरकार के स्तर से लगभग चारिकतायें पूरी कर ली गयी हैं और एयरपोर्ट अथारिटी के अधिकारी पूरी तन्मयता के साथ जल्द से जल्द काम पूरा करने में लगे हैं, ऐसे में प्रशासन के असहयोग के कारण एयरपोर्ट विस्तारीकरण तथा व्यावसायिक उड़ान सेवा को लेकर आवश्यक आधारभूत संरचनाओं को विकसित नहीं किया जा सका है। इस कार्य में सबसे बड़ा बाधक हवाई अड्डा परिसर में चारों तरफ का जंगल-झा़ड और पेड़ हैं, जिन्हें हटाने को लेकर एयरपोर्ट अथारिटी की ओर से पत्राचार भी किये जा चुके हैं, परंतु अब तक कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया जा सका है। लिहाज, अगर प्रशासन ने इस दिशा में संजीदगी नहीं दिखायी तो शायद नये साल 2019 में भी बोकारोवासियों का सपना सपना बनकर ही रह सकता है। शनिवार को एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया के अधिकारियों ने बोकारो एयरपोर्ट पहुंचकर कार्यों की प्रगति का जायजा लिया तथा आगे के काम को लेकर विचार-विमर्श करते हुए प्रशासन व बोकारो इस्पात प्रबंधन के अधिकारियों के साथ रणनीति तैयार की।
नहीं मिल रहा साइट, कैसे बढ़े काम
एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया के मुख्य प्रबंधक (अभियंत्रण) अशोक विश्वास और तकनीक प्रबंधक सिमरदीप सिंह ने बताया कि साइट की उपलब्धता नहीं होने के कारण काम आगे बढ़ नहीं पा रहा है। सिमरदीप ने कहा कि जहां-जहां साइट उपलब्ध है, वहां काम चल रहा है। फिलहाल एक जनवरी से यहां फ्लाइट आपरेशन बंद किये जाने के बाद रन-वे का काम शुरू हो सका है। मशीनें लग चुकी हैं। अगले महीने ही रन-वे की बदली तस्वीर नजर आयेगी। उन्होंने कहा कि हवाई अड्डा के लिये आधारभूत संरचनाओं के सभी कार्य किये जा रहे हैं। लेकिन, बहुत से कार्य पेड़ व झाड़ के नहीं हो पा रहे हैं। टर्मिनल बिल्डिंग झाड़ के कारण नहीं हो पा रहा। पेड़ काटे बिना फिक्स नहीं हो सकता। जबकि टर्मिनल बिल्डिंग के साथ-साथ जलापूर्ति, विद्युतापूर्ति आदि के नक्शे व डिजाइन तैयार कर लिये गये हैं। बस काम शुरू करना बाकी है। स्थानीय स्तर पर सहयोग नहीं मिल पा रहा है। लोकल एजेन्सियों में केके ब्रदर्स, शिवम कंस्ट्रक्शन आदि को ही काम पूरा करना है। उन्होंने कहा कि अगर स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक सहयोग मिला तो आगामी पांच माह के भीतर काम पूरा कर लिया जायेगा। सचिव के स्तर से वार्ता हो चुकी है। एयरपोर्ट अथारिटी के सीएमडी ने चीफ सेक्रेटरी से आग्रह भी किया है, परंतु अब तक सकारात्मक कार्य नहीं हो सका है। अब तक की कार्य-प्रगति की जानकारी लेने के बाद इस संवाददाता से बातचीत में अधिकारीद्वय ने साफ-साफ कहा कि पेड़ पूरे हवाई अड्डे के विकास कार्य में बाधा है। सिमरजित ने कहा कि इसके लिए मुख्यालय स्तर पर भी और व्यक्तिगत स्तर पर सेल व जिला प्रशासन से अपील की गयी है। देखना है कब तक उनकी अपील पर सुनवाई हो रही है। फिर से इस संबंध में प्रयास किया जायेगा।
कागज पर ही उड़ान
स्थानीय स्तर पर केवल कागजों पर ही उड़ान की बातें की जा रही हैं। लेकिन सरकारी कार्यों की लचर स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एएआई के अध्यक्ष गुरुदास महापात्रा (आईएएस) की अपील भी झारखंड में नहीं सुनी गई। उनकी अपील पर राज्य मुख्यालय ने इतना जरूर किया कि एक पत्र जिले को भेज दिया। इसके बाद जिला कि ओर से भी एक पत्र भेज दिया गया, लेकिन किसी ने इसका समाधान निकालने की दिशा में कुछ नहीं किया। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार की रिजनल कनेक्टिविटी स्कीम (आरसीएस) की उड़ान (उड़ेगा देश का आम नागरिक) योजना के तहत झारखंड में बोकारो सहित अन्य शहरों में व्यावसायिक उड़ान सेवा शुरू की जानी है।
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