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बर्खास्त पारा शिक्षिका को पुनः बहाली पर शिक्षा निदेशक ने मांगा डीईओ से स्पष्टीकरण

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बर्खास्त पारा शिक्षिका को पुनः बहाली पर शिक्षा निदेशक ने मांगा डीईओ से स्पष्टीकरण

सिटी पोस्ट लाइव, कोडरमा: जिला शिक्षा विभाग में कई फैसले नियमों को ताक पर रखकर लिये जा रहे हैं। लिहाजा विभाग की कार्यशैली सवालों के घेरे में रह रहा है। ताजा मामला चंदवारा में एक बर्खास्त पारा शिक्षिका चंदा देवी को नियम विरूद्ध फिर से बहाल करने का है। इस मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी के निर्देश पर ही सवाल उठाते हुए निदेशक प्राथमिक शिक्षा उमाशंकर सिंह ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। चंदवारा के उक्त पारा शिक्षिका पर एक साथ शिक्षण कार्य के साथ-साथ सत्र 2003-05 तक इंटर की पढ़ाई नियमित कोर्स करने का है। वहीं नियमित कोर्स के दौरान कॉलेज में छात्रा रहते हुए उनके द्वारा विद्यालय में नियमित पठन-पाठन भी किया गया और मानदेय भी प्राप्त किया गया। जाहिर है नियमित कॉलेज में क्लास व स्कूल में शिक्षण कार्य दोनों एकसाथ संभव नहीं हो सकता है। मामला प्रकाश में आने पर इनके द्वारा उक्त अविधि में विभाग से प्राप्त मानदेय का 23 हजार रूपया विभाग को वापस किया गया, जिसे विभाग ने आरोपित विंदुओं की स्वीकारोक्ति माना है। डीईओ ने 21 अगस्त को एक आदेश जारी कर कहा है कि इसी प्रकार के मामलों में दिनांक 9.3.17 को हुई जिला स्थापना समिति की बैठक में निर्णय लिया गया है कि पारा शिक्षक को नियमित रूप से मानदेय प्राप्त करते हुए योग्यता विस्तार करना अवैध है। लिहाजा जिला स्थापना समिति के उक्त निर्णय के आलोक में संबंधित पारा शिक्षिका को भी चयनमुक्त करते हुए पदमुक्त करने का निर्णय जिला स्थापना समिति की बैठक में लिया गया। वहीं डीईओ ने चंदवारा के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी इस संबंध में प्रस्ताव पारित कर 27 अगस्त तक प्रतिवेदन मांगा था। डीईओ के निर्देश के आलोक में प्रखंड शिक्षा समिति स्तर से भी बैठक कर जिला स्थापना समिति की बैठक में लिये गये निर्णय पर मुहर लगाया। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से इस निर्णय के करीब तीन माह बाद उक्त पदमुक्त पारा शिक्षिका को फिर से संबंधित विद्यालय में उपस्थिति बनाने का निर्देश उसी डीईओ सह डीएसई के स्तर से जारी कर दिया गया। जबकि संबंधित पारा शिक्षिका को पदमुक्त करने का निर्णय डीसी की अध्यक्षता में हुई जिला स्थापना समिति स्तर से हुई थी। जबकि बहाल कर उपस्थिति दर्ज कराने के लिए जिला स्थापना समिति से सहमति भी नहीं ली गई। इस मामले में प्राथमिक शिक्षा निदेशक को शिकायत मिलने पर डीईओ से स्पष्टीकरण मांगा है। इस बाबत डीईओ शिवनारायण साह ने कहा कि वे जवाब दे देंगे। उनके स्तर से कहीं भी नियमविरूद्ध आदेश नहीं दिया गया है। जिला स्थापना समिति की बैठक में अंतिम रूप से निर्णय लिया जायेगा।

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