एग्रीकल्चर समिट से मिलेगा किसानों को एक खास मंच : सुधीर त्रिपाठी
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड के मुख्यसचिव सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि हमेशा सवाल आता है कि ग्लोबल एग्रीकल्चर समिट की क्या जरूरत है। लेकिन यहां के प्रगतिशील राज्य में भी विकास की असीम संभावनाएं है। ऐसा कोई कारण नहीं है कि झारखंड के खेत खेती योग्य नहीं है। क्योंकि यहां पारिश्रमिक कृषकों के साथ-साथ सम्भावनाओं से भरा प्रदेश है। उन्होंने कहा कि विगत चार सालों में कृषि क्षेत्र के विकास के लिए अनेकों प्रयोग किये गए हैं। सिंगल विंडो, बीज ग्राम की स्थापना, बंजर भूमि को कृषि योग्य बनाना, कृषि आधारित उधोगों का स्वीकृत करना सहित अन्य कई कार्य किये गए हैं। उन्होंने आज यहां ग्कलोबल एग्रीकल्चर एंड फूड समिट 2018 में कहा कि वह ग्लोबल को एक प्लेटफार्म के रूप में देखते हैं जहां कृषि से सम्बंधित हर चीजे मौजूद हैं। यहां देश विदेश से जुड़ी हर चीजों को एक मंच पर लाने का प्रयास किये गये है। उन्होंने कहा कि क्रियाही के क्षेत्र में जब हर चीजे एक मंच पर हैं तब निश्चित रूप से राज्य आगे बढ़ेगा। श्री त्रिपाठी ने कहा कि झारखंड के पास एग्रो क्लाइमेटिक जोन और मेहनतकश कृषक हैं। आज जब हम यहां खड़े होकर यह दावा करते हैं कि कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में हमारे पास यह संभावना है कि हम अग्रणी राज्यों की तरह और देशों के समकक्ष खड़े हों तो उसके पीछे वर्तमान सरकार के चार साल के श्रम का हमारे पास साक्ष्य है। मुख्य सचिव ने कहा कि इन चार सालों में कृषि के क्षेत्र में अनेक नए प्रयोग किए गए हैं, अनेक पहल की गई हैं।उन्होंने कहा कि इनमे कृषि सेवाओं के लिए सिंगल विंडो की स्थापना, कृषकों को साॅइल हेल्थ कार्ड का वितरण, व्यापक स्तर पर फार्मर प्रोड्यूसर ग्रुप और महिला स्व समूह का गठन, जल स्रोतों का पुनरुद्धार, फल सब्जी उत्पादन, डेयरी और मत्स्य उत्पादन में चहुंमुखी विकास, बंजर भूमि को कृषि के अंतर्गत लाना, कृषि बाजार का आधुनिकीकरण करना और सबसे महत्वपूर्ण कृषि आधारित उद्योगों के लिए एक आकर्षक नीति का सुदृढ़ीकरण करना शामिल है ।
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