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रांची : ईसाई मिशनरी करा रही धर्मांतरण, एसआईटी गठित

स्पेशल ब्रांच ने रिपोर्ट सौंप कर पूरे प्रकरण से मुख्यमंत्री रघुवर दास को कराया अवगत

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रांची : ईसाई मिशनरी करा रही धर्मांतरण, एसआईटी गठित

सिटी पोस्ट लाइव, रांची : धर्मांतरण और पत्थलगड़ी के समर्थन पर कुछ माह पहले स्वामी अग्निवेश के साथ मारपीट के लिए चर्चे में आया पाकुड़ जिला फिर सुर्खियों में है। संथाल परगना के पाकुड़ जिले में एक प्रखंड है लिट्टीपाड़ा। यहां के कामोगोड़ा समेत अन्य गांवों में बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन करा हिन्दुओं को ईसाई बनाया गया और आगे भी धर्मांतरण की तैयारी है। स्पेशल ब्रांच ने इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री रघुवर दास को सौंप कर पूरे प्रकरण से अवगत कराया है। संथाल में चल रहे धर्मांतरण से संबंधित ऑडियो सहित अन्य जानकारी भी सीएम को उपलब्ध करा दी गयी है। पाकुड़ एसपी शैलेंद्र प्रसाद वर्णवाल ने एसडीपीओ अशोक सिंह के नेतृत्व में स्पेशल इंवेस्टिगेटिंग टीम (एसआईटी) का गठन किया है। साथ ही धर्म परिवर्तन कराने में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। झारखंड में धर्मांतरण में पकड़े जाने पर चार साल तक की सजा और एक लाख रुपये सजा का प्रावधान है। लिट्टीपाड़ा से कोमोगोड़ा गांव के लिए सड़क नहीं हैं। पगडंडियों के सहारे लगभग 15 किलोमीटर चलकर सुदूर ऊंची पहाड़ी पर बसे कामोगोड़ा गांव पहुंचकर रिपोर्ट की पड़ताल की गई और वह सच निकली।
कामोगोड़ा में दो गांव हैं। पहला छोटा कोमागोड़ा और दूसरा बड़ा कामोगोड़ा। इसमें तीन टोले हैं। पहाड़िया हिन्दू बहुल इन दोनों गांव में घुसते ही गरीबी, बेबसी और लाचारी के दर्शन होते हैं। मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं। कामोगोड़ा में स्कूल भवन तो है, लेकिन शिक्षक कभी नहीं आते। अधिकतर बच्चों में कुपोषण के लक्ष्ण दिखाई देते हैं। शायद ही ऐसा कोई बच्चा दिखता हो जिनके बदन पर मुकम्मल कपड़े हों। खाने के नाम पर ग्रामीण आज भी अपने उपजाए हुए मक्का, बाजरे, बरबट्टी आदि पर निर्भर हैं। यातायात की सुविधा नहीं है। गांव में जाने के लिए कम से कम 5 से 6 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता है। पानी के लिए झरना ही सहारा है। बड़ा कामोगोड़ा के जोमे पहाड़िया बताते हैं कि दोनों गांव के तीनों टोलों में लगभग 60 घर हिन्दू पहाड़ियों के हैं। इन लोगों को प्रलोभन देकर ईसाई बनाया जा रहा है। छोटा और बड़ा कामोगोड़ा गांव में अब तक 8 घरों के लोग ईसाई बन चुके हैं। जोमे बताते हैं कि गांव में गिरजाघर नहीं है।

सोलर लाइट, कपड़े, राशन सहित जरूरत के सामानों प्रलोभन देकर करवाया जा रहा धर्मांतरण
जोमे पहाड़िया सहित अन्य लोग बताते हैं कि कामोगोड़ा, गोविंदपुर और लकड़ा गांवों में सोलर लाइट, राशन, कपड़ा सहित जरूरत के सामान बांटकर लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। उन्हें आर्थिक मदद भी दी जा रही है। इसके साथ ही वृद्धा पेंशन, इंदिरा आवास सहित स्वास्थ्य संबंधी सरकारी सेवाओं का लाभ दिलाने के भी प्रलोभन दिये जा रहे हैं। इसकी पुष्टि कामोगोड़ा गांव के जोमे पहाड़िया भी करते हैं। वे बताते हैं, 3-4 माह में बाहर के लोग आते हैं और धर्म बदलने का दबाव डालते हैं। कहते हैं, ईसाई बन जाओ तो घर बनवा देंगे। पूरे परिवार के लिए कपड़ा और बर्तन भी मिलेंगे। बीमार होने पर मुफ्त में इलाज करवाया जायेगा, लेकिन हमलोगों को यह मंजूर नहीं है। लेकिन, वे इतना जरूर कहते है कि हिन्दू पहाड़ियों के धर्म बदलने की अंदर ही अंदर सुगबुहाट तो है। इसी गांव के सुरेश मालतो ईसाई बन चुके हैं। अपने गांव के लोगों को भी ईसाई बनने के लिए प्रेरित करते है। सुरेश गांव के संपन्न व्यक्ति हैं। उनके पास बाइक भी है, लेकिन ग्रामीणों को यह नहीं पता कि सुरेश करते क्या हैं। सिर्फ यही बता पाते हैं कि वे दुर्भागा गांव में रहते हैं और सप्ताह में एक-दिन ही कामोगोड़ा आते हैं। स्पेशल ब्रांच की ओर से सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में हिरणपुर निवासी बंटी स्वर्णकार क्षेत्र में धर्मांतरण करने में सहयोग करता है। बंटी पूरे परिवार के साथ धर्मांतरण कर ईसाई बन चुका है और अब बंटी स्वर्णकार से अभिषेक बंटी बन चुका है। बंटी भोले-भाले लोगों के अलावा अपनी महिला सहपाठियों को भी ईसाई बनने का प्रलोभन देता है। ऐसा नहीं करने पर उन्हें फंसाने की भी धमकी दी जाती है।

धर्मांरतरण पर स्पेशल ब्रांच ने सौंपी सरकार को रिपोर्ट 
संथाल परगना में इन दिनों अभियान चलाकर धर्म परिवर्तन कराये जा रहे हैं। यह खुलासा स्पेशल ब्रांच ने किया है। इससे संबंधित रिपोर्ट सरकार को सौप दी है। रिपोर्ट के अनुसार, लिट्टीपाड़ा से 15 किमी दूर कामोगोड़ा, गोविंदपुर और लकड़ा गांवों के अधिकांश लोगों का धर्मांतरण हो चुका है। वे ईसाई बन चुके हैं। हाल ही में ईसाई मिशनरी के करीब 20 लोग संथाल क्षेत्र में आये थे। हिरणपुर गांव के बंटी स्वर्णकार के साथ मिलकर धर्म परिवर्तन कराने का अभियान चला रहे हैं। वह पाकुड़ के सुंदरपाड़ा निवासी समर कुमार रक्षित, दांगापाड़ा के ज्ञान रविदास और हिरणपुर (लिट्टीपाड़ा) की पूनम कुमारी के संपर्क में है। इन सभी का धर्म परिवर्तन कराने में भूमिका है। स्पेशल ब्रांच को बंटी का एक ऑडियो भी मिला है। जिसमें संथाल के लोगों को धर्म बदल कर ईसाई बनने के लिए लालच दिया जा रहा है।

झाविमो नेता जीतेंद्र मालतो करा रहा धर्मांतरण
सीएम को सौंपे रिपोर्ट में स्पेशल ब्रांच ने कहा है कि बाबूलाल मरांडी़ की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) नेता जीतेंद्र मालतो पहले स्वामी अग्निवेश के साथ मिलकर धर्म के प्रचार-प्रसार और धर्मांतरण में कार्य में लगे थे। अब ईसाई मिशनरीज के साथ मिलकर धर्म परिवर्तन करा लोगों को ईसाई बना रहे हैं। साहेबगंज के बरहेट प्रखंड में ईसाई मिशनरीज का एक आवासीय विद्यालय है। वहां भी लड़कियों का धर्मांतरण करवाया जा रहा है। बदले में उन्हें मुफ्त शिक्षा दी जा रही है।

धर्म बदलने पर बेहतर शिक्षा के लिये भेजा जा रहा तमिलनाडु और केरल
रिपोर्ट के अनुसार, संथाल परगना प्रमंडल के साहेबगंज, पाकुड़, गोड्डा और दुमका जिले के गरीब आदिवासियों के बच्चों को गांव के ही मुखिया और ग्राम प्रधान की मिलीभगत से बेहतर शिक्षा का प्रलोभन देकर तमिलनाडु और केरल भेजा जा रहा है। शिक्षा देने के बहाने उनका धर्मांतरण कराया जा रहा है। कानूनी परेशानियों में फंसने से बचने के लिए ईसाई मिशनरीज के लोग बाहर जाने वालों बच्चों के मां-पिता से लिखित रूप से ले रहे हैं कि गरीबी के कारण बेहतर शिक्षा के लिए बाहर भेज रहे हैं।

… और इधर, मालीपाड़ा गांव के कई हिन्दू कर रहे हैं घर वापसी
कामोगोड़ा से सटे मालीपाड़ा में पहाड़िया और सरना आदिवासी टोले हैं। आदिवासी टोला 32 घरों की बस्ती है। इसमें 15 घर ईसाई हैं। यहां एक बड़ा चर्च भी है। वहीं, पहाड़िया टोला में लगभग 60 घर हैं। उसमें 3-4 परिवार ही ईसाई हैं। पहाड़िया टोला के स्कूल भवन को ही ईसाई लोग गिरजाघर के रूप में इस्तेमाल करते हैं। यहां पूर्व में हिन्दू से ईसाई बने पहाड़िया अब घर वापसी कर रहे हैं। मालीपाड़ा के बुइया पहाड़िया ने बताया कि मैं पहले ईसाई था, लेकिन बीमार पड़ने के बाद ठीक हुए तो फिर हिन्दू बन गये। गांव में ऐसे कई अन्य लोग भी हैं जिन्होंने ईसाई धर्म को छोड़कर पुनः हिन्दू धर्म अपना लिया।

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