कोयला में चारकोल के मेल खेल से प्रतिदिन लाखों के वारे न्यारे
सिटी पोस्ट लाइव, हजारीबाग : कोलियरी कोयला डंप कर कटकमसांडी साईडिंग से भेजे जा रहे रैक में चारकोल के खेल से प्रतिदिन लाखों के वारे न्यारे हो रहे हैं। प्रतिदिन रैक में 20 ट्रक से अधिक चारकोल कोयले में मिलाकर पावर सेक्टर कंपनियों को भेजा जा रहा है। ऐसे में एक तरफ पावर सेक्टर कंपनियों को नुकसान होने की बात कही जा रही है। वहीं साईडिंग में रैक में कोयला लोड कराने वाली कंपनी व डिस्पैच कंपनी को प्रतिदिन लाखों का फायदा होने की बात कही जा रही है। इस मामले में अधिकारियों की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि जानकारी मिलने के बाद रामगढ़ स्थित कई बड़े स्पंज आयरन फैक्टरियों के मालिकों को डीआईजी पंकज कंबोज द्वारा चारकोल भेजे जाने के मामले में कार्रवाई का निर्देश दिया है। डीआईजी के इस मामले में संज्ञान लेने के बाद बड़े कंपनियों ने अपने स्पंज आयरन डस्ट (चारकोल) को हजारीबाग भेजना बंद कर दिया है। हालांकि छोटे स्पंज आयरन कंपनियों द्वारा अभी भी चारकोल कटकमसांडी रेलवे साईडिंग में भेजा जा रहा है। यहां चारकोल को कोयले में मिलाकर रैक से पावर सेक्टर कंपनियों को कोयला भेजा जा रहा है। यही स्थिति बानादाग रेलवे साईडिंग की बताई जा रही है। लेकिन यहां कोयला में चारकोल मिलाने की मात्रा कटकमसांडी की तुलना में काफी कम बताई जा रही है। जानकारी बताते हैं कि चारकोल मिलाकर एक ओर जहां पावर सेक्टर कंपनियों को मिलीभगत से चूना लगाया जा रहा है। वहीं सरप्लस बचे कोयले को डिहरी एवं बनारस की मंडियों में भेजा जा रहा है। कुछ दिन पूर्व बनारस की मंडी में भेजे गए अवैध कोयले के ट्रकों को वहां पकड़ा गया। इस मामले में भी कार्रवाई किए जाने की बात कही जा रही है। वैसे भी कटकमसांडी का रेलवे साईडिंग अवैध बताया गया है। खनन विभाग द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने के बावजूद यहां रैक पर कोयला लोड कराए जाने के कारण स्थानीय थाना में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है। सूचना है कि इस मामले के कारण तीन महीने तक यहां कोयले का रैक पर लोडिंग बंद कर दी गयी थी । बाद में पुनः इसे चालू कर दिया गया है।
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