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पटना : AMU के संस्थापक की जयंती पर सर सैयद डे सेलिब्रेशन 2018 का हुआ आयोजन

सर सैयद अहमद खान कहते थे शिक्षा सबके लिए है जरूरी है

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पटना : AMU के संस्थापक की जयंती पर सर सैयद डे सेलिब्रेशन 2018 का हुआ आयोजन

सिटी पोस्ट लाइव : सर सैयद अहमद खान कहते थे शिक्षा सबके लिए जरूरी है और यह सबको मिलनी ही चाहिए। खासकर महिलाओं को हर क्षेत्र में लाने के लिए उन्हें शिक्षित करना होगा। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ओल्ड ब्यॉज एसोसिएशन, बिहार शाखा की ओर से पटना में रविवार को आयोजित ‘सैयद डे सेलिब्रेशन 2018’ को सबोधित करते हुए द वायर की वरिष्ठ पत्रकार आरफा खानम शेरवानी ने ये बात ने कही। महान शिक्षाविद् और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संस्थापक सर सैयद अहमद खान के 201वीं जयंती समारोह के मौके पर आरफा खानम शेरवानी ने कहा कि अभी मिनिमम जर्नलिज्म हो रही है। जबकि पूरी होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि मेरे पत्रकारिता जीवन को संवारने में एएमयू की अहम भूमिका है। बिहार की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार ने हमेशा से दिशा दी है। बिहार सच के लिए जाना जाता है। बिहार की जमीन हमें अपने पैरों पर खड़ा होना सिखाता है। आरफा खानम शेरवानी ने कहा कि जहां तक मुसलमानों की बात है तो तस्वीर अच्छी नहीं है। देखा जाए तो मुस्लिम सियासत बदल गयी है। मुसलमानों को साथ लेकर नहीं बल्कि उनके खिलाफ लेकर चलने की राजनीति हो रही है। अगर मुसलमानों को रैली करनी है तो लोकतंत्र को बचाने के लिए पहल होनी चाहिए।

लोकतंत्र को हमें समझना होगा और इसके बचाव के लिए आगे आना होगा। आज मुस्लिम सहमी हुई नस्ल है और वह परेशान है। उन्होंने कहा कि शिक्षा और आजादी हमें चाहिए। उन्होंने कहा कि मुस्लिम महिलाओं की स्थिति भी बदतर है। इन्हें आगे लाना होगा। उन्होंने कहा कि आपसे शिक्षा, आजादी एवं नौकरी छीनी जा रही है और हम मुसलमान दीन बचाव की बात कारते हैं। आरफा खानम शेरवानी ने कहा कि इस मुल्क की 95 प्रतिशत लोग मुसलमान के खिलाफ नहीं है। कुछ ही लोग है जो साजिश कर रहे है।

इस अवसर पर पारस अस्पताल के जाने माने सर्जन डा. ए ए हई ने कहा कि सर सैयद एक आंदोलन है एक संस्कृति है ऐसे महान व्यक्ति को भुलाया नहीं जा सकता। हालांकि आज एक और सर सैयद की जरूरत है। इस अवसर पर पोस्टमास्टर जेनरल बिहार, एम ई हक ने कहा कि सर सैयद ने आधुनिक शिक्षा की जो पहल की आज भी उसका विरोध दिख जाता है। सर सैयद के बाद एक भी एएमयू के तर्ज पर कोई पहल नहीं दिखी।

पटना विश्वविद्यालय, अंगे्रजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. शंकर दत्त ने कहा कि आज संस्कृति का अतिक्रमण हो रहा है और मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। इसे रोकने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सर सैयद ने शिक्षा के मंदिर के निर्माण में काफी विरोध का सामना किया था लेकिन उनके अंदर एक जुनून था कि शिक्षा का एक ऐसा मंदिर बना जहां गंगा जमुनी संस्कृति कायम हो जो हुआ।

एएमयू छात्र संध के अध्यक्ष डा.एम ए उसमानी, एएमयू के ओल्ड ब्वायज एसोसिएशन, बिहार चैपटर के अध्यक्ष ई.आमीर हसन और महासचिव डा.अरशद एस हक ने सर सैयद के व्यक्त्तिव और कृत्तिव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सर सैयद ने शिक्षा का मंदिर बना कर जो सपना देखा था वह जमीनी हकीकत में दिख तो रहा है जरूरत है इसे और व्यापक बनाया जाये।

कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के वैसे पूर्ववर्ती छात्रों को सम्मानित किया गया जो विभिन्न क्षेत्रों में अपना योगदान देकर समाज को नई दिशा दिखाने का काम कर रहे हैं। इस मौके पर विभिन्न स्कूलों के बच्चों को भी पुरस्कृत किया गया जिन्होंने एसोसिएशन की ओर से आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लिया था। आयोजन के दौरान अतिथियों ने एक वार्षिक पत्रिका का भी विमोचन किया गया जिसमें सर सैयद के विचारों को साझा किया गया है। कार्यक्रम का समापन विश्वविद्यालय के तराना ‘यह मेरा चमन है मेरा चमन मैं अपने चमन का बुलबुल हूँ’ और जन मन गण… राष्ट्रीय गान से हुआ।

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