सिटी पोस्ट लाइव: बिहार के नगर विकास एवं आवास विभाग मंत्री सुरेश शर्मा के लिए सार्वजनिक कार्यक्रमों में जाना मुश्किल काम साबित हो रहा है. शनिवार को दरभंगा में एक कार्यक्रम में पहुंचे मंत्री को विरोध का सामना करना पड़ा. नगर निगम में योजनाओं का शिल्यान्यास करने मंत्री दरभंगा दरभंगा पहुंचे थे .जैसे ही मंत्री कार्यक्रम में पहुंचे कांग्रेस सेवा दल के जमाल हसन ने अपने समर्थकों के साथ काले झंडे दिखाने शुरू कर दिए .
मुजफ्फरपुर बालिका गृह में हुए बलात्कार की घटना को लेकर सेवा दल के कार्यकर्ताओं ने मंत्री को काले झंडे दिखाए.साथ ही सेवा दल के लोगों ने सीएम नीतीश कुमार से इस्तीफे की भी मांग की. कांग्रेस सेवा दल के जमाल हसन ने कहा कि जब तक बालिका गृह की पीड़िताओं को न्याय नहीं मिलता तब तक उनकी लड़ाई जारी रहेगी. सुरेश शर्मा मुजफ्फरपुर शहर से ही भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं.
गौरतलब है कि विपक्ष इस मामले में समाज कल्याण मंत्री के साथ साथ नगर विकास मंत्री मंत्री सुरेश शर्मा के इस्तीफे की मांग भी कर रहा है. गौरतलब है कि बालिका गृह यौन शोषण मामला तब प्रकाश में आया, जब टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस (TISS) की ऑडिट रिपोर्ट सामने आई. 31 मई को बिहार सरकार को सौंपी गई. इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि कैसे इन बालिका गृह में छोटी-छोटी बच्चियों का शोषण किया जाता रहा है.TISS की ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक, बच्चियों की मेडिकल जांच में उनके शरीर के कई हिस्सों पर जलने और कटने के निशान भी मिले हैं. ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक, बच्चियों का रोज यौन शोषण होता था.
मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक, यौन शोषण से पहले बच्चियों को नशे की दवाइयां दी जाती थीं या फिर नशे का इंजेक्शन लगाया जाता था. TISS ने 7 महीनों तक 38 जिलों के 110 संस्थानों का सर्वेक्षण किया. इस सर्वेक्षण में एक और चौंकाने वाला तथ्य यह है कि शोषण की शिकार हुई सभी बच्चियां 18 साल से कम उम्र की हैं. इनमें भी ज्यादातर की उम्र 13 से 14 साल के बीच है. इस रिपोर्ट से साफ पता चलता है कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह में हुए यौन उत्पीड़न में बाल कल्याण समिति के सदस्य और संगठन के प्रमुख भी बच्चियों के शोषण में शामिल थे.
सुरेश शर्मा स्थानीय नेता हैं और मुजफ्फरपुर से विधायक हैं इसलिए विपक्ष उनसे इस्तीफे की मांग कर रहा है.मंत्री अपनी सफाई में कह चुके हैं कि इस मामले की जानकारी उन्हें नहीं थी और ब्रजेश ठाकुर से उनका कोई सम्बन्ध नहीं था.मंत्री ने कहा कि अगर उनके खिलाफ जांच में कोई मामला सामने आएगा, वो मंत्री पद से खुद इस्तीफा दे देगें.