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पुलिस की सुस्ती ने अपराधियों को दिया मौका, दिनदहाड़े ढाई लाख की लूट

पुलिस के बड़े अधिकारी काम की जगह हांकते हैं गप्पें

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पुलिस की सुस्ती ने अपराधियों को दिया मौका, दिनदहाड़े ढाई लाख की लूट

सिटी पोस्ट लाइव : सदर थाना के धर्मशाला रोड स्थित कॉर्पोरेशन बैंक के समीप हथियार से लैस तीन बाईक सवार अपराधियों ने दिन के उजाले में ढ़ाई लाख रुपये की लूट की घटना को अंजाम दिया। गुप्ता ब्रदर्स के प्रोप्राइटर विजय कुमार के दो स्टॉफ शंकर कुमार और विनोद कुमार दो लाख पचास हजार रुपये लेकर कॉर्पोरेशन बैंक उसे जमा करने जा रहे थे। इसी दौरान बाईक सवार तीन लुटेरों ने हथियार की नोंक पर नोटों से भरे थैले को लूट लिया और हवा में हथियार लहराते हुए चलते बने। हद तो यह है कि दूकान से बैंक चन्द कदमों की दूरी पर ही है। जानकारी मिलने के बाद सदर थाना प्रभारी आर.के.सिंह और सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी प्रभाकर तिवारी पुलिस जवान के साथ घटनास्थल पर पहुँचे। पुलिस के अधिकारी फिलवक्त सीसीटीवी फुटेज को खंगाल रहे हैं।

जिस तरह से बेखौफ होकर अपराधियों ने इस अपराधी घटना को अंजाम दिया है, उससे लगता है कि सहरसा में पुलिस नाम की कोई चीज ही नहीं है। घटना को अंजाम देकर अपराधी बीच बाजार होकर आराम से चलते बने थे। उपर्युक्त जानकारी गुप्ता ब्रदर्स के स्टॉफ ने दिया जिसके साथ लूट की घटना घटी है। सदर एसएचओ आर.के.सिंह ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि दोनों स्टॉफ दुकान से एक थैला में रुपये लेकर जा रहे थे और अपराधियों ने आराम से थैला छीना और भाग निकले। स्टॉफ कोई शोर-शराबा भी नहीं कर सका। यहाँ यह बड़ा सवाल है कि रुपये की जानकारी सिर्फ मालिक और स्टॉफ को थी, तो इसकी जानकारी अपराधियों को कैसे लगी ? पुलिस कई बिंदुओं पर छानबीन कर रही है।आपको बताना लाजिमी है कि इसी माह सदर थाना के शिवपुरी स्थित एक व्यवसायिक प्रतिष्ठान से बाईक सवार 6 अपराधियों ने साढ़े चार लाख नकद, 2 लैपटॉप और मोबाइल लुटे थे। इस मामले में भी पुलिस के हाथ अभीतक खाली हैं। वैसे सहरसा कोर्ट के समीप से एक अपराधी बौआ यादव को पैंथर के जवानों ने उठाया और उसे चार दिनों तक सदर थाने में रखा गया। उसे रात में पुलिस विभिन्य इलाके में घुमा-घुमा कर थर्ड डिग्री का इस्तेमाल करती रही। बौआ यादव के पास करीब 39 हजार रुपये थे, जो उसने किसी से लिये थे। सहरसा एसपी राकेश कुमार के निर्देश पर चार दिनों के बाद उसे शिवपुरी लूटकांड के अभियुक्त के रूप में जेल भेज दिया गया। बौआ यादव ने सिटी पोस्ट लाइव से रो-रो कर कहा कि वह इस घटना में नहीं है। उसके मोबाइल का सीडीआर निकालकर पुलिस देखे की घटना के दिन वह कहाँ था और उसने किस-किस से बात किया था। उसने कई साक्ष्यों के साथ मानवाधिकार जाने और कोर्ट में पुलिस पर केस करने की बात कही। अब उस लूटकांड में बौआ यादव था या नहीं, यह पुलिसिया जांच का विषय है। लेकिन पुलिस के थर्ड डिग्री और उसे 24 घण्टे से ज्यादा थाने में रखना सवाल जरूर खड़े करता है। वैसे हम यह खुले सफे और ताल ठोंककर कहते हैं कि सहरसा पुलिस किसी हद तक गिर सकती है।

सहरसा से संकेत सिंह की रिपोर्ट

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