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अब रिशवत देने वालों पर भी चलेगा कानून का डंडा, मिलेगी 7 साल की सज़ा

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अब रिशवत देने वालों पर भी चलेगा कानून का डंडा, मिलेगी 7 साल की सज़ा

सिटी पोस्ट लाइव : भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए संसद में मंगलवार को भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) विधेयक 2018 को मंजूरी दे दी गई है। इस बिल के तहत अब रिश्वत देने वाले दोषियों को सात साल की सजा होगी। विधेयक में रिश्‍वत लेने वाले के लिए कम से कम तीन साल और ज्‍यादा से ज्‍यादा सात साल की सजा का प्रावधान किया गया है। विधेयक में रिश्‍वत लेने वाले के लिए कम से कम तीन साल और ज्‍यादा से ज्‍यादा सात साल की सजा का प्रावधान किया गया है।

लोकसभा में ध्‍वनिमत से पारित हुए भ्रष्‍टाचार निरोधक (संशोधन) विधेयक-2008 बिल को पारित कर दिया गया। संशोधन बिल में भ्रष्‍टाचार से जुड़े मामलों को दो साल के अंदर ही निपटाना होगा. बताया जाता है कि 1988 के भ्रष्‍टाचार निवारण कानून में संशोधन कर नया बिल पेश किया गया है। राज्‍य सभा में एक सप्‍ताह पहले ही इस बिल को मंजूरी मिल गई थी।

बता दें पहली बार भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों को निपटाने की समय सीमा निर्धारित की गई है. अप्रत्याशित मामलों को छोड़कर 2 साल के भीतर ऐसे मामलों का निपटारा करना अनिवार्य होगा. इसी तरह सरकारी अधिकारियों के ख़िलाफ़ जांच की अनुमति भी 3 महीने के भीतर देना अनिवार्य बनाया गया है.

हालांकि नए कानून में सेवानिवृत्त अधिकारियों के लिए बड़ी राहत दी गई है. अब ऐसे अधिकारियों के ख़िलाफ़ भी जांच के पहले जांच एजेंसियों को सरकार से इजाज़त लेनी होगी. कई सालों से इस बात की मांग हो रही थी कि किसी अधिकारी द्वारा लिया गया फ़ैसला ग़लत तो साबित होता है लेकिन उसकी नियत ख़राब नहीं है तो उसे परेशान नहीं किया जाए. इसी के मद्देनजर नए कानून में इस बात का प्रावधान किया गया है.

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