रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के आठवें दिन बुधवार को ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि झारखंड में बगैर ट्रिपल टेस्ट के बहुत जल्द पंचायत चुनाव होगा। उन्होंने कहा कि पूर्व में जो आरक्षण की व्यवस्था है वह जारी रहेगी। अधिसूचित क्षेत्र और गैर अधिसूचित क्षेत्र सभी जगहों पर एक साथ पंचायत चुनाव होगा। उन्होंने कहा कि पहले पंचायत चुनाव कराएंगे तब ट्रिपल टेस्ट कराएंगे।
आलमगीर ने कहा कि राज्य में पंचायत चुनाव नहीं होने से केंद्र से कई मदों में राशि नहीं मिल रही है। यह सच है कि 31 मार्च, 2020 को पंचायत का कार्यकाल समाप्त हो गया है। कोरोना के कारण पंचायत चुनाव निर्धारित समय पर नहीं हो सका। सुप्रीम कोर्ट का आदेश जनवरी 2022 में आया है। इसमें यह भी कहा गया है कि जहां पंचायत चुनाव नहीं हुआ है वहां जल्द पंचायत चुनाव कराया जाय। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र का उदाहरण यहां दिया जा रहा है तो मैं सदन को बताना चाहता हूं कि महाराष्ट्र में भी ओपन चुनाव कराया गया है।
मंत्री ने कहा कि सरकार पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण देगी। इसको लेकर बहुत जल्द आयोग का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब झारखंड बिहार से अलग हुआ था उस समय पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण था। इसे भाजपा सरकार ने घटाकर 14 प्रतिशत कर दिया। अब यही भाजपा के लोग घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। भाजपा विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से सरकार से पंचायत चुनाव में पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग की। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया है कि पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण देकर ही पंचायत चुनाव कराया जाय। महाराष्ट्र और कर्नाटक में पिछड़ों को पंचायत चुनाव में आरक्षण मिला है। यह सरकार पिछड़ा विरोधी है।
उन्होंने कहा कि जब दो साल से पंचायत चुनाव नहीं हुए तो छह महीने में क्या बिगड़ जाएगा। सरकार जल्द आयोग का गठन कर पहले पिछड़ों का आरक्षण तय करे फिर पंचायत चुनाव कराए। झामुमो विधायक दीपक बिरुआ ने कहा कि अधिसूचित क्षेत्र में आदिवासी पंचायत की व्यवस्था की जाय। जवाब में मंत्री ने कहा कि अधिसूचित और गैर अधिसूचित दोनों क्षेत्र में एक साथ चुनाव होगा और अधिसूचित क्षेत्र में एसटी को आरक्षण दिया जाएगा।
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