हाई कोर्ट में जेएसएससी संशोधित नियमावली मामले में झारखंड सरकार ने रखा पक्ष
जेएसएससी की नई नियुक्ति नियमावली को दी गई है चुनौती
रांची : झारखंड हाईकोर्ट में जेएसएससी की नई नियुक्ति नियमावली के खिलाफ दाखिल याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कहा गया कि झारखंड सरकार की ओर से सभी विभागों में नियमावलियों को बदला जा रहा है और नई नियमावली की सभी शर्ते दी गई हैं। इस पर झारखंड सरकार आगे की कार्यवाही कर रही है, जबकि इस याचिका के माध्यम से इस नियमावली की शर्तों को असंवैधानिक बताया गया है।
सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता पीएस पटवालिया ने कोर्ट को बताया कि अन्य राज्यों में समान शर्तों को लागू किया गया है। इसलिए सरकार ने नई नियमावली में इस तरह का प्रावधान किया है। उनकी ओर से झारखंड हाईकोर्ट के पूर्ण पीठ के एक आदेश का हवाला भी दिया गया। इसके तहत सरकार इस तरह का प्रावधान करने के लिए सक्षम है।
वादी की ओर से इस पर आपत्ति जताई गई और कहा गया कि सरकार की ओर से इस मामले में दाखिल जवाब देर से दाखिल किया गया है। इसलिए उन्हें अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया जाए। जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 16 फरवरी को निर्धारित की है।
उल्लेखनीय है कि रमेश हांसदा व कुशल कुमार की ओर से जेएसएससी की नई नियुक्ति नियमावली को चुनौती दी गई है। रमेश हांसदा और कुशल कुमार की ओर अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज ने पक्ष रखा। याचिका में कहा गया है कि नियमावली में यह शर्त लगाना असंवैधानिक है कि नियुक्ति की प्रक्रिया में शामिल होने वाले छात्र झारखंड के संस्थान से ही पास करने वाले होंगे। इसके अलावा भाषा के पेपर से हिंदी और अंग्रेजी को हटाया जाना भी गलत है।
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