रांची: राजधानी में सोमवार से कोरोना रोधी बूस्टर डोज की शुरुआत हो गयी। रांची जिले में पहले दिन इसकी शुरुआत थोड़ी फीकी रही। दोपहर लगभग एक बजे तक कई सेंटर्स पर 15-20 लोगों ने ही वैक्सीनेशन करवाया। मोरहाबादी स्थित फुटबॉल स्टेडियम में लोगों का रिस्पांस बाकी सेंटर्स से बेहतर रहा। यहां दोपहर लगभग एक बजे तक 45 लोगों ने वैक्सीनेशन करवाया।
वैक्सीनेशन कराने में 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों ने पहले दिन काफी जागरूकता दिखायी। सेंटर्स पर अधिकांश लोग इसी वर्ग के थे। कुछ सेंटर्स पर इस वर्ग के लोग समय पूरा होने से पहले ही बूस्टर डोज लगवाने पहुंच रहे थे। सेंटर्स पर मौजूद मेडिकल स्टाफ का भी कहना है कि अभी तक उम्मीद से कम टीकाकरण हो रहा है।उम्मीद है कि दूसरे -तीसरे दिन से और लोग बूस्टर डोज लगवाने आयेंगे।
कांटाटोली निवासी सिखा नीयोगी और सुबीर नीयोगी आईएमए भवन में बूस्टर डोज लेने पहुंचे थे। दंपती ने लगभग 12 अप्रैल को कोविड का दूसरा डोज लिया था। उनका कहना था कि दोनों को जैसे ही पता लगा कि बूस्टर डोज दिया जा रहा है, उन्होंने अपने नजदीकी सेंटर पर संपर्क किया। फिलहाल बूस्टर डोज के लिए नौ महीने का समय होने में 2-4 दिन बाकी है, इसलिए वे बूस्टर डोज नहीं ले पाये। इसी बीच 76 वर्षीय ऑर्थोपेडिक्स के पूर्व एचओडी प्रोफेसर डॉ, पीडी सिंह अपने नजदीकी वैक्सीनेशन सेंटर पर बूस्टर डोज लगवाने पहुंचे थे। बुजुर्गों को इसके लिए प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा कि हमें इसके लिए आगे आना चाहिए। तभी दूसरे भी प्रेरित होंगे। जब 76 की उम्र में और खुद डॉक्टर होने के बाद भी वैक्सीन लिया है, तो यह सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि बूस्टर डोज लगवाने से आपको संक्रमण का खतरा और कम हो जायेगा।
धुर्वा निवासी दंपती कमला प्रसाद सिंह (68) और मीना देवी (62) अपने दामाद के साथ मोरहाबादी स्थित वैक्सीनेशन सेंटर पहुंचे। वैक्सीन को जरूरी समझते हुए उन्होंने पहले ही दिन बूस्टर डोज लिया। दूसरों को भी उन्होंने प्ररित करते हुए कहा कि महामारी से लड़ने में वैक्सीन बहुत कारगर है। आज तीसरी लहर अगर लोगों को कम प्रभावित कर रही है, तो कहीं न कहीं वैक्सीन इसमें मददगार है। उन्होंने कहा कि जिनका भी दूसरा डोज लेने के बाद नौ महीने का समय पूरा हो चुका है, उन्हें यह डोज अनिवार्य रूप से लेना चाहिए।
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