सिटी पोस्ट लाइव : भारत की प्रमुख ग्रामीण फिनटेक कंपनी स्पाइस मनी ने बिहार में शानदार वृद्धि से संचालित स्पाइस मनी अधिकारियों की संख्या में जबरदस्त तेजी दर्ज की है। (ये अधिकारी नैनोप्रेन्योर्स की तरह हैं, जिसमें मॉम एंड पॉप शॉप/किराना स्टोर के समान छोटी ईकाई शामिल हैं, जिसका मालिकाना हक आमतौर पर परिवारों के पास होता है यह काफी छोटे स्तर पर घरेलू और अनौपचारिक माहौल में काम करते हैं।) राज्य में इन अधिकारियों के नेटवर्क में सालाना आधार पर 113% और विशेष रूप से पटना में 158% की वृद्धि हुई है। स्पाइस मनी का पूरे भारत में 8,00,000 से अधिक अधिकारियों का मजबूत नेटवर्क है, जिसमें से 88 हजार से अधिक बिहार में हैं।
महामारी की वजह से प्रवासियों को बड़ी संख्या में शहरों से घरों को लौटना पड़ा और ऐसे में स्पाइस मनी की तरफ से उन्हें शून्य निवेश व्यापार का मौका दिया जाना ग्रामीण नैनोप्रेन्योर्स (बेहद छोटे उद्यमी) की संख्या में इजाफे की प्रमुख वजह रही और स्पाइस मनी के साथ बतौर अधिकारी शामिल हुए ताकि उन्हें आजीविका और आत्मनिर्भर बनने का मौका मिल सके। स्पाइस मनी अधिकारी अब स्पाइस मनी ऐप और वेब पोर्टल की मदद से बैंकिंग सेवाओं से वंचित और बैंकों की पहुंच से दूर स्थानीय समुदायों को बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं की पेशकश कर रहे हैं। कंपनी अपने अधिकारी नेटवर्क के जरिए नकद निकासी, नकद जमा, बिल भुगतान, रिचार्ज, बीमा, लोन और ट्रैवल बुकिंग सेवाओं समेत अन्य सहायक सेवाएं प्रदान करती हैं।
बिहार में स्पाइस मनी के सकल लेनदेन मूल्य (जीटीवी) में 102% का उछाल आया है। पूरे भारत में स्पाइस मनी के कुल जीटीवी में बिहार की हिस्सेदारी 20% है और राजस्व योगदान के मामले में बिहार दूसरे स्थान पर है। इसके अलावा, राज्य में स्पाइस मनी का माइक्रो-एटीएम नेटवर्क सिर्फ एक साल में 3959 से बढ़कर 13,416 हो चुका है। अकेले पटना में ही, कंपनी का 191 माइक्रो-एटीएम का नेटवर्क है। पटना के अलावा, बिहार के अन्य शीर्ष प्रदर्शन करने वाले जिलों में पूर्वी चम्पारण, मुजफ्फरपुर और सीतामढ़ी शामिल हैं।
महामारी की वजह से देश भर में डिजिटल भुगतान को अपनाने की प्रक्रिया में वृद्धि हुई है और इसके साथ ही यह भारत के कोने-कोने तक पहुंच रहा है। स्पाइस मनी ने भारत में AePS (आधार-सक्षम भुगतान प्रणाली) लेनदेन में 91% की वृद्धि दर्ज की है। कंपनी फिलहाल बिहार के 21,000 गांवों में ग्रामीण नागरिकों को वित्तीय समावेशन के दायरे में ला रही है और राज्य भर में अपनी उपस्थिति को मतबूत कर रही है।
मूल रूप से बिहार के दरभंगा के रहने वाले स्पाइस मनी के सीईओ संजीव कुमार ने कहा, “बिहार भारत में स्पाइस मनी के विकास की कहानी में सबसे मजबूत योगदानकर्ताओं में से एक रहा है। अधिकारी नेटवर्क और जीटीवी में तेजी से वृद्धि हमारे भागीदारों और स्पाइस मनी अधिकारियों की भूमिका को दर्शाती है, जो राज्य में डिजिटल और वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। हम ग्रामीण उद्यमियों को सशक्त बनाने और बिहार के सुदूर इलाकों के निवासियों को आजीविका प्रदान करने के अपने मिशन पर ध्यान देना जारी रखेंगे। डिजिटल बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं को अपनाने और राज्य में वंचित आबादी को वित्तीय समावेशन के दायरे में लाने के मामले में बिहार जिस परिवर्तन से गुजरा है, उसे देखकर मुझे गर्व महसूस होता है।’’
ग्रामीण फिनटेक परिचालनों से प्राप्त सीखों और सफलताओं की मजबूत नींव के साथ, स्पाइस मनी ने हाल ही में भारत के पहले बी2बी ट्रैवल टेक प्लेटफॉर्म, ट्रैवल यूनियन के लॉन्च के साथ ग्रामीण यात्रा क्षेत्र में भी कदम रखा है, जो ग्रामीण ट्रैवल एजेंट और उनके ग्राहकों के समक्ष आने वाली प्रमुख चुनौतियों का समाधान करता है। ट्रैवल यूनियन पहले से ही बिहार के ट्रैवल एजेंटों की संख्या में वृद्धि देख रहा है, जो ग्रामीण यात्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए ट्रैवल यूनियन के सदस्य बन रहे हैं। यह इस क्षेत्र और राज्य के ग्राहकों के लिए विकास की अपार संभावनाओं का संकेत देता है।